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कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। आईसीजे ने नए तदर्थ न्यायाधीश की नियुक्ति तक कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई स्थगित करने की पाकिस्तान की गुजारिश को मंगलवार को ठुकरा दिया।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव के बीच जाधव मामले की चार दिवसीय सुनवाई सोमवार को यहां आईसीजे के मुख्यालय में शुरू हुई। पाकिस्तान ने मंगलवार को अपना पक्ष रखने के दौरान एक तदर्थ न्यायाधीश की बीमारी का हवाला देकर अंतरराष्ट्रीय अदालत से मामले की सुनवाई स्थगित करने को कहा।
आईसीजे में पाकिस्तान के तदर्थ न्यायाधीश तस्सदुक हुसैन जिलानी को सुनवाई से पहले दिल का दौरा पड़ गया। पाकिस्तान की नुमाइंदगी कर रहे अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने सुनवाई की शुरुआत में कहा कि हम अपने अधिकार लागू किए जो हमें एक तदर्थ न्यायाधीश नियुक्त करने का हक देता है। लेकिन आईसीजे ने उनकी गुजारिश ठुकरा दी।सुनवाई के पहले दिन भारत द्वारा वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने आईसीजे से जाधव की की तुरंत रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया। भारत ने कहा कि सैन्य अदालत का फैसला हास्यास्पद मामले पर आधारित है जो प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं करता है।
आईसीजे में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की रिहाई के मामले में पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखते हुए नापाक दलीलें पेश कीं। पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने अपनी दलीलों की शुरूआत झूठ से की और जाधव को ही नहीं, बल्कि भारत पर भी आतंक प्रायोजक होने का आरोप लगाया। मंसूर खान ने कहा कि मैं खुद भारतीय क्रूरता का शिकार रहा हूं।