येरुशलम। इजरायल ने सोमवार को सीरिया में मिसाइल डिपो को निशाना बनाया। इन हवाई हमलों में बहुत ज्यादा नुकसान होने की जानकारी आई है। ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानीकर्ता ने यह दावा किया है।
निगरानीकर्ता ने इसे वर्ष 2012 के बाद से सबसे हिंसक हमला बताया। बशर असद के शासन के पतन के बाद इजरायल सीरिया में सैन्य ठिकानों पर बमबारी कर रहा है, जिसमें हवाई सुरक्षा और पूर्व सीरियाई सेना के अधिकांश शस्त्रागार नष्ट हो गए हैं। इजरायली सैनिकों ने बफर जोन पर भी कब्जा कर लिया है, जिसकी कड़ी निंदा की गई है। वहीं, आलोचकों ने इजरायल पर 1974 के युद्ध विराम का उल्लंघन करने और संभवतः भूमि हड़पने के लिए सीरिया में अराजकता का फायदा उठाने का आरोप लगाया है। सीरिया में एक सप्ताह पहले असद परिवार के शासन का अंत हो गया। इससे क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंकाएं पुनः उत्पन्न हो गई हैं, क्योंकि गाजा में इजरायल-हमास युद्ध रुकने का कोई संकेत नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं युद्ध विराम के बावजूद इजरायल और लेबनान स्थित हिजबुल्ला के बीच संघर्ष जारी है। विद्रोहियों के नेतृत्व में नए सीरियाई प्रशासन ने गोलान हाइट्स में सीरियाई क्षेत्र में इजरायली बमबारी और घुसपैठ के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से शिकायत की है। हालांकि उसने यह भी कहा है कि वह इजरायल के साथ सैन्य टकराव नहीं चाहता है। दमिश्क में अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी है। साथ ही कहा कि वहां सुरक्षा स्थिति अस्थिर और अप्रत्याशित बनी हुई है। हालांकि दूतावास वर्ष 2012 से बंद है। दूतावास ने एक्स पर एक बयान पोस्ट किया, जिसमें नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि जो देश छोड़ने में असमर्थ हैं, वे आपातकालीन स्थितियों के लिए आकस्मिक योजनाएं तैयार कर लें।