नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में आधुनिक युद्धपोत आईएनएस तुशिल (एफ 70) को भारतीय नौसेना में शामिल किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रडार से बचने में सक्षम और मिसाइल क्षमता से लैस आईएनएस तुशिल भारत की समुद्री ताकत में इजाफा करेगा। साथ ही कहा कि भारत और रूस कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष अन्वेषण और आतंकवाद-रोधी जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सहयोग के नए युग में प्रवेश करेंगे। रक्षामंत्री ने कहा कि यह समझौता भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो साझा मूल्यों, आपसी विश्वास और विशेष एवं रणनीतिक विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी से बंधे हैं। उन्होंने कहा कि आईएनएस तुशिल सहित कई जहाजों में मेड इन इंडिया सामग्री लगातार बढ़ रही है। यह रूसी और भारतीय उद्योगों की सहयोगी क्षमता का बड़ा सबूत है। राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच समग्र रूप से बढ़ते संबंधों के तहत तकनीकी और परिचालन सहयोग नई ऊंचाइयां छू रहा है। उन्होंने युद्धपोत के जलावतरण को भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का गौरवपूर्ण प्रमाण और रूस के साथ दीर्घकालिक संबंधों में महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। कहा कि यह जहाज रूसी और भारतीय उद्योगों की सहयोगात्मक क्षमता का एक बड़ा प्रमाण है। यह संयुक्त कौशल के माध्यम से तकनीकी उत्कृष्टता की ओर भारत की यात्रा का उदाहरण है। रक्षामंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। कहा कि हमारी नौसेना ने समुद्री डकैतों, हथियार और ड्रग तस्करों के मंसूबों को नाकाम किया है। ओमान की खाड़ी से लेकर अदन की खाड़ी तक, स्वेज से लेकर मलक्का तक और ऑस्ट्रेलिया से लेकर मेडागास्कर तक, भारतीय नौसेना हिंद महासागर में शुद्ध सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभा रही है। मालूम हो कि इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में चीन की नौसेना की गतिविधियां बढ़ी हैं। मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने परियोजना में शामिल सभी लोगों को उनके योगदान के लिए बधाई दी।