हल्द्वानी। अनीता रावत
भारत और नेपाल की सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास सूर्य किरण-15 सोमवार को यहां शुरू हो गया है। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एसएस महल ने इसका शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह संयुक्त युद्धाभ्यास भारत और नेपाल के बीच परस्पर मैत्री संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा।
सोमवार को स्थानीय सैन्य क्षेत्र में भारत और नेपाल के सैनिकों ने परेड की। उन्होंने मुख्य अतिथि जनरल महल को सलामी दी। जनरल महल ने इस मौके पर कहा कि नेपाल से हमारी सदियों पुरानी मैत्री है। इन रिश्तों को और बेहतर बनाने के साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के लिए आधुनिक युद्ध कौशल की जानकारी को लेकर भी यह संयुक्त युद्धाभ्यास अहम है। आतंकवाद से निपटने के साथ दैवीय आपदा प्रबंधन में भी यह महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे दोनों देशों के जवानों में आपसी समझ बढ़ेगी। उन्होंने युद्धाभ्यास में भाग ले रहे सैनिकों से पूरे मनोयोग और समर्पण भाव से अभ्यास पूरा करने का आह्वान किया। 14 दिन तक चलने वाले संयुक्त युद्धाभ्यास में दोनों देशों के 300-300 सैनिक भाग ले रहे हैं। भारत-नेपाल के संयुक्त युद्धाभ्यास के शुभारंभ अवसर पर भारत की तरफ से 6वीं गढ़वाल राइफल और नेपाली सेना की तरफ से रीतू मर्दन बटालियन के सैनिकों ने हिस्सा लिया। परेड में भारतीय सैन्य दल का नेतृत्व 6 गढ़वाल राइफल के कमान अधिकारी कर्नल नितिन कालदाते और नेपाल की तरफ से रीतू मर्दन बटालियन के लेफ्टिनेंट कर्नल विजय बेखनेट ने किया। संयुक्त युद्धाभ्यास में भारत-नेपाल की सेनाएं आतंकवाद से निपटने की रणनीति और युद्ध कौशल की बारीकियां सीखेंगे। दोनों देशों की भौगोलिक स्थितियां एक जैसी होने के कारण सैनिकों को अतिदुर्गम और ऊंची पहाड़ियों में भी आतंकी गतिविधियों को नाकाम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दोनों देशों की सेनाएं आतंकवाद विरोधी अभियानों के अपने-अपने अनुभवों को भी साझा करेंगी। भारत-नेपाल की सेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास में सैन्य संख्या के आधार पर यह सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है। सूर्य किरण के तहत दोनों देशों की सेनाएं हर साल साझा अभ्यास करती हैं। बारी-बारी से यह अभ्यास नेपाल और भारत में किया जाता है। इसका उद्देश्य नेपाल और भारत के सैनिकों के बीच सैन्य समन्वय स्थापित कर युद्ध कौशल बढ़ाना है।