अमेरिका में भारत का मोस्ट वांटेड हरप्रीत पसिया गिरफ्तार

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न्यूयॉर्क। पंजाब में 16 आतंकी हमलों के मामले में वांछित हरप्रीत सिंह उर्फ हैपी पसिया उर्फ जोरा को अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। हरप्रीत पर पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी संबंध होने का आरोप है।
कैलिफोर्निया के शहर सैक्रामेंटो की एफबीआई यूनिट ने शुक्रवार को गैंगस्टर से आतंकी बने हरप्रीत सिंह की गिरफ्तारी की सूचना एक्स पर दी। एजेंसी ने संदेह जताते हुए कहा है कि हरप्रीत का संबंध पाक सेना के आईएसआई के साथ खालिस्तान समर्थक समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से है। हरप्रीत जांच एजेंसियों की पकड़ से बचने के लिए बर्नर फोन का इस्तेमाल कर रहा था। वर्ष 2024 से 2025 के बीच 16 आतंकी हमलों में से 14 ग्रेनेड हमले किए। मालूम हो कि जनवरी में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने गैंगस्टर हरप्रीत पर पांच लाख रुपये नकद इनाम घोषित किया था। एनआईए चंडीगढ़ के सेक्टर 10डी स्थित एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के घर पर ग्रेनड से हमले के मामले में इसकी तलाश कर रही थी। इस मामले में एक अक्तूबर 2024 को केस दर्ज होने के बाद जांच एजेंसियों ने इसे भगौड़ा घोषित कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार हरप्रीत अमेरिका में गैर कानूनी ढंग से दाखिल हुआ था। अधिकारियों ने कहा, एफबीआई और कस्टम विभाग की संयुक्त कार्रवाई आतंक के खिलाफ लड़ाई में बड़ी कामयाबी है। दुनिया के लिए खतरा बन रहे ऐसे लोगों की गिरफ्तारी से अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भावना और मजबूत होगी। दिल्ली में एफबीआई के कानूनी एजेंट ने अमेरिका में एफबीआई को सूचना दी कि भारतीय जांच एजेंसियां हरप्रीत को कई मामलों में तलाश रही हैं। कहा जा रहा है कि इसी इनपुट के आधार पर उसकी गिरफ्तारी की कोशिशें तेज हुई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूर्व पुलिस अधिकारी के घर पर हुए हमले में हरप्रीत ने विस्फोटक और दूसरे हथियार मुहैया कराए थे। एनआईए ने आरोप पत्र में हरप्रीत के साथ पाक आतंकी हरविंदर सिंह सधु उर्फ रिंदा समेत चार अन्य का नाम शामिल किया था। रिंदा ने पंजाब में आतंकी हमलों की साजिश रची और पसिया ने उसे अंजाम दिया। इसके लिए पसिया ने पूरे पंजाब में अपना नेटवर्क फैला रखा था। आतंक फैलाने के लिए हरप्रीत और रिंदा ने किशोरों को हथियार बनाया। नशे के आदी हो चुके युवाओं को पैसे का लालच दे आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। दिसंबर 2024 में पुलिस ने एक 17 साल के किशोर को अजनाला पुलिस स्टेशन में बारुदी सुरंग बिछाने के मामले में गिरफ्तार किया था। किशोर ने पुलिस को बताया था कि आतंकी घटना को अंजाम देने के एवज में उसे ड्रग्स और पैसा देने का वादा किया गया था। जांच एजेंसियों के अनुसार हैपी पंजाब के अमृतसर जिले के पसिया गांव का रहने वाला है। अप्रैल 2018 में वह दुबई चला गया था। जानकारी के अनुसार वह फरवरी 2019 में भारत लौटा था। अक्तूबर 2020 में लंदन गया और उसके बाद अमेरिका चला गया। पंजाब पुलिस के अनुसार हरप्रीत की उम्र 29 साल है और उसपर अलग-अलग मामलों को लेकर कुल 33 एफआईआर दर्ज है। पंजाब पुलिस के डोजियर के अनुसार उसके खिलाफ दस लुकआउट नोटिस भी जारी हुए। पंजाब पुलिस भी काफी समय से हरप्रीत की तलाश में थी। अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए हरप्रीत पहले जग्गु भगवानपुरिया के गैंग से मिला। इसके बाद उसका संपर्क अमेरिका के दरमनजोत सिंह और अमृतपाल सिंह से हुआ। भगवानपुरिया गैंग के साथ मिलकर इसने असंगठित अपराध को अंजाम देना शुरू किया और धीरे-धीरे इसकी पहुंच पाकिस्तान तक हो गई। पंजाब पुलिस के डोजियर के अनुसार हरप्रीत ने शराब कारोबारियों, कॉन्ट्रैक्टरों और उद्योगपतियों को अपना निशाना बनाया और उनसे वसूली शुरू की। इसी पैसे से वे पंजाब में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था। बटाला और अमृतसर में गोलीबारी और फिरौती की बढ़ती घटनाओं से लोग इससे डरने लगे थे। पंजाब पुलिस ने अपनी जांच में हरप्रीत के आपराधिक मॉड्यूल का खुलासा किया था। इसमें उसने हिंदु समूहों, हिंदुओं की धार्मिक यात्राओं, पुलिस, पुलिस के सेवारात और सेवानिवृत्त अधिकारियों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। इसका मुख्य मकसद पूरे पंजाब में डर और भय का माहौल पैदा करना था। एफबीआई के अनुसार हरप्रीत सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से बचने के लिए बर्नर फोन का इस्तेमाल कर रहा था। संपर्क स्थापित करने के लिए अस्थायी रूप से इस्तेमाल होने वाले फोन को बर्नर फोन कहते हैं। इसमें बात करने के लिए प्रीपेड मिनट मिलते हैं। इसका इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए लगातार हो रहा। जानकारी के अनुसार बात करने का मिनट खत्म होने के बाद बर्नर फोन फेंक दिया जाता है या बातचीत के लिए मिनट खरीदने होते हैं। इस फोन का अधिकतर इस्तेमाल निजता की सुरक्षा के लिए होता है। आमतौर पर जांच एजेंसियां ही इस्तेमाल करती हैं। एक बार प्रयोग के बाद इसे निष्क्रिय कर दिया जाता है।

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