बिश्केक।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने किर्गिस्तान के अपने समकक्ष रुस्लान कजाकबायेव के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। दोनों के बीच अफगानिस्तान समेत कई अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सोमवार को सद्भावनापूर्ण एवं रचनात्मक बातचीत हुई। भारत किर्गिस्तान में विकास परियोजनाओं के लिए 20 करोड़ डॉलर का कर्ज देने पर सहमत हुआ।
जयशंकर तीन मध्य एशियाई देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से किर्गिस्तान, कजाखस्तान और आर्मेनिया की अपनी चार दिवसीय यात्रा के तहत रविवार को यहां पहुंचे। जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम और क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा पर इसके कारण पड़ने वाले प्रभाव पर भी कजाकबायेव से वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान में स्थिति पर करीबी से नजर रख रहे हैं। इससे किसी भी अस्थिरता का प्रभाव क्षेत्र पर भी पड़ेगा। जयशंकर ने ट्वीट किया, अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम को लेकर भारत और किर्गिस्तान का साझा दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि हमने भारतीय छात्रों की शीघ्र यात्रा और वीजा व्यवस्था में अधिक उदारता अपनाने की आवश्यकता पर चर्चा की। हमने हमारे रक्षा सहयोग की सकारात्मक समीक्षा की। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें दोनों पक्षों की ओर से ठोस प्रयास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 2019 में नई द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर और भारत-किर्गिस्तान दोहरे कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) के संशोधित प्रोटोकॉल के लागू होने की तारीख पर आपसी समझौता इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा, हमारे टेलीमेडिसिन केंद्रों ने ग्रामीण क्षेत्रों में किर्गिस्तान के लोगों को शहरों की चिकित्सा सुविधाओं से जुड़ने में मदद की है। विकास के क्षेत्र में साझेदारी के तहत दोनों देश पारिस्थितिक पर्यटन, गहनों के डिजाइन, औषधि, चिकित्सा शिक्षा, आईटी पार्क एवं डेटा बैंक के क्षेत्र में संयुक्त-विकास परियोजनाओं में संभावनाएं तलाशने पर सहमत हुए। बयान में कहा गया है कि भारत किर्गिस्तान के बातकेन, जलाल-अब्द और चुई क्षेत्रों में तीन और टेली-मेडिसिन केंद्रों की स्थापना में मदद करेगा।