नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के संबंध आज के समय में जितना मजबूत और विविधताओं से भरा है ऐसा पहले कभी नहीं था। भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत रिचर्ड आर वर्मा ने भारत दौरे के दौरान एक साक्षात्कार में ये बात कही है। उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध साझा विचारों और गहरे इतिहास पर आधारित है।
अमेरिका के प्रबंधन और संसाधन राज्य उप सचिव रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत- अमेरिका के बीच रिश्तों ने मजबूत व्यापारिक रिश्तों को पीछे छोड़ दिया है। भारत-अमेरिका के बीच व्यापार, रक्षा और लोगों के आपसी संबंधों को लेकर हर तरह के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। उन्होंने कहा, रिश्तों की नींव औपनिवेशिक स्वतंत्रता, न्याय, नागरिक अधिकार, समानता और लोकतंत्र के बारे में साझा विचारों पर आधारित है। हमारे लेखक और चिंतक 150 वर्षों से नागरिक अधिकार, समानता और लोकतंत्र के बारे में विचार साझा कर रहे हैं। यही दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों की नींव है। इसी का नतीजा है कि 50 लाख भारतीय और दक्षिण एशियाई लोग अमेरिका में रह रहे हैं। भारत और अमेरिका सिर्फ व्यापारिक दोस्त नहीं है। हर देश की अपनी दिलचस्पी होती है और जो उस दिशा में आगे बढ़ते हैं। वही अलग उभर कर सामने आता है। मालूम हो कि रिचर्ड भारत, श्रीलंका और मालदीव दौरे पर हैं।
रिचर्ड वर्मा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि उनके विचारों से अमेरिका के कई लेखक प्रभावित थे। दोनों देशों के बीच आत्मीयता का ये रिश्ता मजबूत नींव की कड़ी है जिसने दोनों देशों को एक सूत्र में बांधकर रखा है। दोनों देश उस मजबूत नींव को किसी परिस्थिति में नहीं छोड़ना चाहते हैं। भारत और अमेरिका दोनों देशों में इस साल आम चुनाव है, इसपर उन्होंने कहा कि भविष्य में भी दोनों देशों के संबंध और बेहतर होंगे।