संयुक्त राष्ट्र।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को कहा कि विश्व में ताकत और सैन्य तख्तापलट के जरिए सत्ता पर कब्जा किए जाने की घटनाएं अप्रत्याशित रूप से बढ़ती दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक विभाजन अंतरराष्ट्रीय सहयोग में कमी ला रहे हैं। इसलिए वह वैश्विक शासन को मजबूत करने और बहुपक्षवाद में नई जान फूंकने की अपील कर रहे हैं।
कोविड-19 महामारी और ग्लोबल वार्मिंग सहित अन्य बढ़ते संकट से निपटने के एजेंडे के साथ पिछले दो साल में पहली बार विश्व के नेता मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में एकत्र हुए। कोरोना महामारी के पूरे विश्व में प्रसार होने के चलते पिछले साल किसी देश के नेता संयुक्त राष्ट्र नहीं पहुंचे थे। इसलिए नेताओं के सभी संबोधन पहले से रिकार्ड किये हुए थे, जबकि कुछ राजदूतों ने भी संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया। लेकिन इस बार संयुक्त राष्ट्र में विश्व के नेताओं की उपस्थिति और ऑनलाइन भागीदारी का भी विकल्प दिया गया है। विश्व के 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों, विदेश मंत्रियों और राजनयिकों के यहां ऐतिहासिक महासभा भवन में उपस्थित होकर सत्र को संबोधित करने का कार्यक्रम है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की आम बहस की शुरुआत होने पर अपने संबोधन में गुतारेस ने विश्व के नेताओं से विश्वास बहाल करने और उम्मीद की नई किरण लाने की अपील की। साथ ही कहा कि सहयोग, वार्ता तथा समझदारी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम ताकत के जरिए सत्ता पर कब्जा किए जाने की घटना में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि होते भी देख रहे हैं। अंतराष्ट्रीय समुदाय के बीच एकता की कमी से इसमें मदद नहीं मिलने जा रही। उन्होंने विश्व नेताओं से कहा कि विश्व कभी भी इतना अधिक विभाजित नहीं हुआ था या इतना अधिक संकट से नही गुजरा था। गुतारेस ने कहा कि भू-राजनीतिक विभाजन अंतराष्ट्रीय सहयोग को कमतर कर रहे हैं। साथ ही आवश्यक फैसले लेने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की क्षमताओं को सीमित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व को रोकथाम, शांति बनाए रखने और शांति निर्माण पर जोर देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें परमाणु निरस्त्रीकरण और आतंकवाद की रोकथाम की अपनी साझा कोशिशों पर आगे बढ़ने की जरूरत है। हमें मानव अधिकारों के सम्मान के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है।