नई दिल्ली। नीलू सिंह
लोकसभा चुनाव में महाविजेता बनकर उभरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 30 मई को फिर से ताजपोशी होगी। मोदी की ताजपोशी 30 मई यानी आज शाम 7:00 बजे राजयोग मुहूर्त में होगी। ज्योतिषियों ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए गुरुवार शाम 7:00 बजे का समय चयन किया है। यह समय नरेंद्र मोदी की कुंडली को देखते हुए निकाला गया है।
अभूतपूर्व जीत के बाद गुरुवार को नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। मोदी शपथ लेने के साथ इतिहास भी रच देंगे, क्योंकि अभी तक कांग्रेस के अलावा किसी अन्य पार्टी के नेता ने 5 साल सरकार चलाने के बाद लगातार दूसरी बार पीएम पद की शपथ नहीं ली। ऐसा करने वाले मोदी पहले व्यक्ति होंगे। मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए ज्योतिषियों ने उनकी कुंडली के अनुसार समय का चयन किया है। राजयोग मुहूर्त को देखते हुए ज्योतिषियों ने गुरुवार शाम 7:00 बजे का समय तय किया है। इस मौके पर बिम्सटेक राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष समेत 14 देशों के प्रतिनिधि उपस्थित होंगे। हालांकि इस समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान को कोई न्योता नहीं भेजा गया है।
सूत्रों की मानें तो मोदी के साथ भाजपा और एनडीए के कुछ बड़े नेता भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले इस समारोह के लिये न सिर्फ अभूतपूर्व तैयारी की गई है बल्कि अभेद सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है। इस समारोह की खास बात यह है कि भाजपा ने बंगाल में सियासी हिंसा में मारे गए 54 पार्टी कार्यकर्ताओं के परिजनों को भी न्योता दिया है। साथ ही बनारस के कई लोगों को समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। बताया जा रहा है प्रधानमंत्री मोदी शपथ लेने से पहले अटल बिहारी वाजपेई की समाधि पर जाएंगे और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में सभी राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सभी दलों के प्रमुख नेता, राजनीति, कला, कारोबार क्षेत्र के गणमान्य लोगों को शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। समारोह में 29 राज्यों के राज्यपाल शामिल होंगे। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस समारोह में शामिल नहीं होंगी।
सूत्रों की माने तो इस कैबिनेट अरुण जेटली शामिल नहीं होंगे। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से मंत्री पद लेने से इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि मोदी के साथ राजनाथ सिंह नितिन गडकरी पियूष बैल समिति रानी निर्मला सीतारमण मोदी के साथ मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। बता दें कि पिछली बार 2014 में मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए सार्क देशों के सदस्यों को निमंत्रण भेजा था, उस समय पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी इस समारोह में शामिल हुए थे।