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पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर जैश-ए-मोहम्मद के हमले के तीन दिन बाद भारत और पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले आमने-सामने होंगे। पूर्व भारतीय नेवी अफसर जाधव को सुनाई मौत की सजा को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) सोमवार से सुनवाई करेगा। पहले भारतीय और इसके अगले दिन पाकिस्तान के वकील अपनी दलीलें पेश करेंगे। माना जा रहा है कि इस हफ्ते सुनवाई के बाद आईसीजे एक महीने में सजा पर फैसला सुना सकता है। पाक सैनिकों ने कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से पकड़ा था। उन पर अफगानिस्तान में जासूसी के आरोप लगाए गए और मिलिट्री कोर्ट ने 10 अप्रैल 2017 को उन्हें सजा-ए-मौत सुनाई थी। इस पर रोक लगवाने के लिए भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कोर्ट ने 2017 में जाधव को सजा पर रोक लगाई थी। हालांकि, पाकिस्तान ने कहा है कि वह कुलभूषण की सजा को नहीं बदलेगा।
भारत पहले कह चुका है कि कुलभूषण जाधव जासूस नहीं हैं। बल्कि पाक सैनिकों ने उन्हें अफगानिस्तान बॉर्डर से किडनैप किया था। भारत ने कोर्ट से अपील की है कि पाकिस्तान को जाधव की सजा रद्द करने का आदेश दिया जाए। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने विएना संधि का उल्लंघन कर कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस मुहैया नहीं कराई और मानवाधिकारों का भी उल्लंघन किया।