पेरिस।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां काम करने वाली महिला पत्रकारों की संख्या 700 से घटकर सौ पर पहुंच गई है। रिपोर्टर्स सैंस फ्रंटियर्स (आरएसएफ) नाम की एक मीडिया नियामक संस्था ने बुधवार को यह जानकारी दी।
आरएसएफ के मुताबिक मध्य अगस्त में जब काबुल पर तालिबान का नियंत्रण हो गया, तब महिला पत्रकारों को घरों में रहने का फरमान देने, रिपोर्टिंग से रोकने और प्रताड़ित किए जाने के मामले बढ़ने लगे। इससे बढ़ी संख्या में महिला पत्रकारों ने या तो पत्रकारिता का पेशा छोड़ दिया या फिर मुल्क छोड़कर भाग गईं।
आरएसएफ के अनुसार साल 2020 में अफगानिस्तान में 108 मीडिया समूह सक्रिय थे। इनमें कुल 4940 कर्मचारी कार्यरत थे, जिनमें 1080 महिलाएं शामिल थीं। महिला कर्मचारियों में से 700 पत्रकार थीं। वहीं, आठ बड़े समूहों की बात करें तो उनसे 510 महिलाएं जुड़ी हुई थीं। इनमें से 76 पत्रकार थीं। हालांकि, तालिबान की हुकूमत कायम होने के बाद से बड़े समूहों की महज 39 महिला पत्रकार सक्रिय रह गई हैं। छोटे समूह को मिलाकर देश में मौजूद महिला पत्रकारों की संख्या 700 से घटकर सौ रह गई है।
आरएसएफ महासचिव क्रिस्टोफे डेलॉयर ने कहा कि तालिबान की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। संगठन ने प्रेस की आजादी का सम्मान करने और महिला पत्रकारों को काम करने की छूट देने का भरोसा दिलाया था। हालांकि, उत्पीड़न के चलते महिला पत्रकारों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट आई है।