नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सवाल उठाया कि धनशोधन मामले में जिलाधिकारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन को राज्य सरकार चुनौती कैसे दे सकती है। शीर्ष अदालत ने ईडी की अपील पर तामिलनाडु सरकार से यह सवाल किया। ईडी ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी है, जिसमें राज्य में हुए कथित रेत खनन मामले से जुड़े धनशोधन के मामले में तमिलनाडु सरकार की याचिका पर जिलाधिकारियों के खिलाफ जारी समन पर रोक लगा दी थी।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने तमिलनाडु सरकार से पूछा कि वह किस कानून के तहत ईडी द्वारा अधिकारियों को जारी समन को चुनौती देने के लिए रिट याचिका दाखिल कर सकती है, वह भी केंद्रीय जांच एजेंसी के खिलाफ। पीठ ने राज्य सरकार से यह जानना चाहा कि याचिका दाखिल करने का आपका क्या अधिकार है। इस पर राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार याचिका दाखिल कर सकती है। उन्होंने पीठ से कहा कि इस बारे में सोमवार को पूर्व के कुछ फैसले पेश कर सकते हैं। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 26 फरवरी के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने रेत खनन से जुड़े धन शोधन के मामले में जिलाधिकारियों के खिलाफ जारी समन पर रोक लगाने के मद्रास उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने 2002 में तमिलनाडु में दर्ज विभिन्न एफआईआर और खुले स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत एक जांच शुरू की थी।