टोक्यो।
ओलंपिक में पुरुष हॉकी प्रतियोगिता में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड को पटखनी देते हुए विजय पथ पर आगे बढ़ गई है। गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने ओलंपिक अभियान का आगाज जीत के साथ किया। भारत को अब रविवार को ऑस्ट्रेलिया से खेलना है जिसने पूल ए के एक अन्य मैच में जापान को 5-3 से पराजित किया। आठ बार के ओलंपिक चैंपियन भारत ने आखिरी बार खेलों के महासमर में पदक मॉस्को में 1980 में जीता था। विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंची मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली मौजूदा टीम को टोक्यो में पदक के दावेदारों में गिना जा रहा है। भारतीय कोच ग्राहम रीड का कहना है कि ओलंपिक में पहले ही मैच में पूरे तीन अंक लेना अहम है। हमें हालांकि प्रदर्शन में सुधार करना होगा। वीडियो देखने के बाद पता चलेगा कि कहां कमियां रह गईं। ऑस्ट्रेलिया का सामना करने के टीम पूरी तरह तैयार है। हमने बेंगलुरु में इस पर मेहनत की है। यह कठिन मैच होगा लेकिन हम इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
टोक्यों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को खेले गए मैच में 1976 मांट्रियल ओलंपिक की रजत पदक विजेता न्यूजीलैंड का पलड़ा पहले क्वार्टर में भारी रहा जिसने छठे ही मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर बढ़त लेकर भारतीय खेमे में हलचल मचा दी। पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ केन रसेल ने दागकर बढ़त ले ली। हालांकि रुपिंदर पाल सिंह ने दसवें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर गोल करके भारत को बराबरी दिला दी। फिर हरमनप्रीत सिंह ने 26वें और 33वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल किए जबकि न्यूजीलैंड के लिए 43वें मिनट में स्टीफन जेनिस ने दूसरा गोल दागा। भारत के अनुभवी गोलकीपर श्रीजेश ने निर्णायक पलों में लाजवाब प्रदर्शन करते हुए आठ में से छह शॉट बचाए और छह पेनाल्टी कॉर्नर में सिर्फ एक बार नाकाम रहे। न्यूजीलैंड को मैच खत्म होने से 24 सेकंड पहले भी एक पेनाल्टी कॉर्नर मिला लेकिन उस पर गोल नहीं हो सका। लगभग बराबरी के इस मुकाबले में आक्रामकता और गेंद पर नियंत्रण के मामले में बार-बार पलड़ा बदलता रहा। मैच में बेशुमार रेफरल लिए गए जिससे दक्षिण अफ्रीकी वीडियो अंपायर पीटर राइट को काफी मशक्कत करनी पड़ी।