नई दिल्ली। टीएलआई
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के अध्यक्ष एसएम वैद्य ने बुधवार को कहा कि ईंधन की ऊंची कीमतें तेल उत्पादक और तेल खपत करने वाले देशों, दोनों के लिए अच्छी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों (ओपेक) को कीमतों को काबू में करने के लिए कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाना चाहिए।
वैद्य ने कहा कि निस्संदेह डीजल-पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि हुई है। कोरोना के बाद हमारी अर्थव्यवस्था में वी आकार की रिकवरी देखी गई है। आज पेट्रोल और डीजल की खपत पूर्व-कोविड -19 स्तर को पार कर गई है। पेट्रोल की खपत में वृद्धि हुई है। पूर्व-कोविड-19 स्तर से 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, डीजल की खपत में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और एलपीजी की खपत में भी वृद्धि दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि यह आर्थिक विकास एक अच्छा संकेत है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास कच्चे तेल की कीमतों को हवा दे रहा है। कोविड-19 अवधि के दौरान ओपेक ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की। उन्होंने कहा कि कीमतों में कमी लाने और बाजारों में कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए ओपेक महासचिव मोहम्मद सानुसी बरकिंडो के साथ पेट्रोलियम मंत्री हरदीप एस पुरी और मेरी लंबी चर्चा हुई। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि वैश्विक विकास के लिए अच्छी नहीं है। मूल्य वृद्धि न तो तेल उत्पादक देशों के लिए अच्छी है, न ही तेल उपभोक्ता देशों के लिए। जिम्मेदार मूल्य निर्धारण होना चाहिए, जो तेल उत्पादक देशों के साथ-साथ तेल उपभोक्ता देशों दोनों के लिए बेहतर हो।