इजरायल पर हिजबुल्ला-हमास ने किया रॉकेट से हमला

अंतरराष्ट्रीय

येरूशलम। हिजबुल्ला और हमास ने सोमवार को एक साथ इजरायल को निशाना बनाया। मिसाइलों और रॉकेटों से किए गए हमले में 10 लोग घायल हो गए और कई वाहन व इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। इजरायल पर हमास के हमले के एक साल पूरे होने पर यह हमला किया गया।
हिजबुल्ला ने इजरायल के तीसरे सबसे बड़े शहर हाइफा पर कई मिसाइलें और रॉकेट दागे। हिजबुल्ला ने दावा किया कि उसने मध्यम दूरी की ‘फादी 1’ मिसाइलों से हाइफा के दक्षिण में एक इजरायली सैन्य अड्डे को निशाना बनाया। वहीं, मीडिया रिपोर्टों में कहा गया, दो मिसाइल हाइफा पर दागी गईं और पांच रॉकेट 65 किलोमीटर दूर तिबरियास शहर में गिरे। वहीं, हमास ने भी यह दिखाने की कोशिश की कि वह अभी भी इजरायल के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। उसके लड़ाकों ने गाजा से इजरायल के तेल अवीव के साथ गाजा सीमा के करीब कई रॉकेट दागे। इस हमले के बाद सायरन बजने लगे और लोग बंकर की ओर दौड़ लगाते दिखे। इजरायल ने कहा, हमारे लड़ाकू विमानों ने बेरूत में हिजबुल्ला के खुफिया मुख्यालय से संबंधित लक्ष्यों को निशाना बनाया है। इन लक्ष्यों में खुफिया जानकारी जुटाने वाली मशीनरी, कमांड सेंटर और कई अन्य इमारतें शामिल हैं। सेना ने कहा, बेरूत में हिजबुल्ला के हथियार भंडारों को भी नष्ट किया गया है। हमास के हमले के एक साल पूरे होने पर इजरायल समेत कई देशों में सोमवार को शोक समारोह आयोजित किए गए। इजरायल में लोग हमले में मारे गए लोगों को याद करने कब्रिस्तान पहुंचे और स्मारक स्थलों पर भी एकत्रित हुए। इस दौरान कई लोग अपनों की याद में रोते नजर आए। साथ ही उन लोगों को छुड़ाने की भी मांग की गई, जिनको हमास ने अभी तक बंधक बनाए रखने का दावा किया है। युद्ध में मारे गए सैनिकों को भी सलामी दी गई। वहीं, ब्रिटेन, थाइलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और ग्रीस में भी लोगों ने रैलियां निकालीं। गाजा में जहां अपार्टमेंट थे वहां अब मलबे की पहाड़ियां हैं, बीमारी फैलाने वाले सीवेज का दूषित पानी जगह-जगह फैला हुआ है। शहर की सड़कें गंदगी से भर गई हैं और कई जगहों पर हवा में लाशों की दुर्गंध महसूस की जा सकती है। इजरायल के सालभर के हमले के बाद गाजा पूरी तरह बर्बाद हो गया है। गाजा को फिर से बसाने के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने में दशकों लग सकते हैं। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा तबाही के इस मंजर के बावजूद युद्ध का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है।

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