देहरादून। अनीता रावत
सार्वजनिक पार्क या घर के कोने में व्यायाम के साथ ही गेहूं पिसाई हो जाए तो दो लाभ तो निश्चित होंगे। एक जिम के बजाए बच्चे-बड़े खेल खेल में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। दूसरा बिना मिलावट के साफ और अपने सामने मशीन से आटा निकलेगा। इसके अलावा कई अन्य फायदे भी होंगे।
बताते हैं कि इस मशीन को घर के कोने में भी स्थापित कर व्यायाम के साथ खुद गेहूं पिसाई कर सेहत सुधार सकते है। यह मशीन सबसे अधिक उन महिलाओं के लिए कारगर होगी, जो मोटापे से छुटकारा चाहती है।
दावा है कि मशीन की स्पीड कम होने पर धीरे-धीरे गेहूं पीसने से उसमें विटामिन बचे रहते हैं। अधिक स्पीड में गेहूं पीसने से विटामिन नष्ट हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। दावा किया गया कि इस मशीन का आविष्कार करने वालों को भारत सरकार से प्रोत्साहन के रूप में इनाम भी मिला है। अविष्कार करने वालों ने इस मशीन का पेटेंट भी करवाया है और ग्रेटर नोएडा में ही इस मशीन को बनाना भी शुरू किया है। यह वीडियो और जानकारी हमें वाटसएप ग्रुप में मिली। आमजन के बेहतर सेहत और उपयोगी होने पर इसे जनहित में लिया गया है।