हल्द्वानी । हल्द्वानी-अल्मोड़ा नेशनल हाईवे पर शनिवार दोपहर क्वारब की पहाड़ी का बड़ा हिस्सा दरक गया। इससे हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। एनएच का करीब दस मीटर का हिस्सा बोल्डरों और मलबे से पट गया है। हल्द्वानी से अल्मोड़ा की तरफ जाने वाले वाहनों को खैरना से वाया रानीखेत होते होकर, जबकि अल्मोड़ा से हल्द्वानी की तरफ आने वाले वाहनों को वाया लमगड़ा होते हुए गंतव्य की ओर भेजा जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्वारब की पहाड़ी बीते दो-ढाई माह से मुसीबत का सबब बनी हुई है। एहतियातन प्रशासन ने रात में यहां से आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस दौरान पहाड़ी के ट्रीटमेंट का काम किया जा रहा है। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे क्वारब की पहाड़ी से मलबा गिरने का सिलसिला शुरू हुआ। इससे एनएच पर आवाजाही बाधित हो गई। इस दौरान प्रशासन की ओर से मलबा हटाने के लिए जेसीबी लगा दी गई। वहीं, लोग भी एनएच के खुलने के इंतजार में बैठे रहे। कुछ ही देर में पहाड़ी का बड़ा हिस्सा दरककर एनएच पर गिर गया। मलबा और बोल्डर इतना अधिक था कि उसे हटाना आसान नहीं था। ऊपर से रुक-रुक कर गिर रहे पत्थरों ने जेसीबी संचालकों की मुश्किलें बढ़ा दीं। देर शाम तक एनएच से मलबा नहीं हटाया जा सका था। वहीं रात में पहले से आवाजाही बंद है। इससे शनिवार को एनएच पर फिर से आवाजाही सुचारू नहीं हो पाई। अब लोगों को आवाजाही सुचारू होने के लिए रविवार तक का इंतजार करना पड़ेगा। क्वारब के पास पहाड़ी दरकने से दोनों ओर सैकड़ों वाहनों का जमावड़ा लग गया। शाम करीब चार बजे तक लोग एनएच पर आवाजाही सुचारू होने का इंतजार करते रहे, लेकिन जब एनएच खुलने की उम्मीद टूटी तो उन्हें वापस लौटकर अन्य मार्गों से आगे जाने को मजबूर होना पड़ा। वहीं अल्मोड़ा से हल्द्वानी को निकले कई यात्री वापस लौट आए। जिन्हें जरूरी काम से जाना था वे वापस लौटकर शहरफाटक से हल्द्वानी की ओर निकले। अल्मोड़ा-हल्द्वानी एनएच से मुख्यालय के अलावा बागेश्वर और पिथौरागढ़ के लिए भी लोग आवाजाही करते हैं। इन तीनों जिलों के लोग इसी रूट से मैदानी क्षेत्र को निकलते हैं। इससे यहां वाहनों का दबाव काफी अधिक रहता है। शनिवार को सैकड़ों यात्री चार से छह घंटे तक हाईवे खुलने का इंतजार करते रहे। इससे वाहनों में सवार महिलाओं और बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। थक-हार कर उन्हें वापस लौटकर अन्य मार्गों से आगे जाने को मजबूर होना पड़ा।