आरा। टीएलआई
विश्व को ग्लोबलवार्मिंग से बचाना है तो गांवों को हराभरा रखना ही होगा। गांवों की हरियाली ही इस वैश्विक संकट से दुनिया को बचा सकती है। यह बातें राष्ट्रवादी जनसंघ के जिला संयोजक देवेन्द्र नाथ पांडये ने एक विचार गोष्ठी में कही।
शनिवार को आरा में पर्यावरण पर आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता राष्ट्रवादी जनसंघ के जिला संयोजक देवेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग यानी वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि से पूरा विश्व चिंतित है। पिछले 100 सालों में पृथ्वी का तापमान कारण .74 डिग्री बढ़ गया है और आने वाले समय मे और वृद्धि होने के आशंका है। इसका सीधा असर ग्लेशियरों पर पड़ रहा गया। तेजी से ग्लेशियर पिघलने लगें है। यही नही मौसम चक्र भी प्रभावित हो रहा है। अक्टूबर से शुरू होने वाली सर्दी नवंबर- दिसंबर में शुरू हो रही है। जहां जून में मॉनसून आ जाता था वहीं अब जुलाई में भी बारिश के लिए टकटकी लगानी पड़ रही है। पहाड़ों पर सर्दियों में बारिश की अवधि कम हो गई है। जहाँ नवंबर में बर्फबारी हो जाती थी अब अंतिम दिसंबर या फिर जनवरी में बर्फवारी हो रही है। इसका प्रमाण हर साल जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में देखा जाता है। इसका मूल कारण हरियाली क्षेत्र का काम होना है। चाहे पहाड़ हो या मैदान, पहाड़ी जंगल क्षेत्र हो या मैदानी वन क्षेत्र घट रहे है। क्योंकि गांव वीरान हो रहे हैं और शहरों में कंक्रीट के जंगल उग रहे हैं। जो ग्लोबल वार्मिंग के मूल कारण हैं। इस मौके पर अन्य वक्ताओं ने नदियों में घटते जलस्तर, प्रदूषण और अन्य मुद्दों पर प्रकाश डाला।