एपेक्स संस्थान रामपुर , नमामि गंगे सेल इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय, हल्द्वानी तथा अर्थशास्त्र विभाग श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के तत्वाधान में पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य शुभारंभ

उत्तराखंड लाइव नैनीताल

रामपुर , एपेक्स संस्थान रामपुर में अकादमिक व शोध जगत के लिए एक ऐतिहासिक दिन तब आया, जब महाविद्यालय ने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “First International Conference on Interdisciplinary Research in Technology, Management, Pharmacy, and Education” का भव्य आयोजन किया। यह सम्मेलन नमामि गंगे सेल इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय हल्द्वानी और अर्थशास्त्र विभाग श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के सहयोग से संपन्न हुआ, जिसमें विभिन्न शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विषय-विशेषज्ञों ने भाग लिया।
निदेशक एपेक्स संस्थान डॉ0 धीरज गुणवंत ने कहा इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य तकनीक, प्रबंधन, फार्मेसी और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नए शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना और इन विषयों के अंतःसंबंधों को उजागर करना था। सम्मेलन ने विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान किया, जहाँ वे अपने शोध निष्कर्ष प्रस्तुत कर सके और परस्पर संवाद स्थापित कर सके।
अपने उद्बोधन में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 आभा शर्मा ने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत का प्राचीन ज्ञान-विज्ञान अत्यंत समृद्ध रहा है और हमें इसे आधुनिक तकनीक एवं अनुसंधान से जोड़कर एक नया आयाम देना चाहिए। उन्होंने इस सम्मेलन को महाविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और सभी शोधकर्ताओं को प्रेरित किया कि वे पारंपरिक ज्ञान को तकनीकी नवाचारों से जोड़कर नई खोजों की दिशा में कार्य करें।

मुख्य अतिथि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. के. जोशी ने अपने संबोधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) और अन्य तकनीकी प्रगति को और अधिक विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि AI, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और डिजिटल इनोवेशन जैसे विषय आने वाले समय में शोध और शिक्षा की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं।
विशिष्ट अतिथि एसएसजे कैंपस, अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने इस सम्मेलन को उद्देश्यपरक और उपयोगी बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अंतर-अनुशासनिक शोध (Interdisciplinary Research) का महत्व वर्तमान युग में और भी बढ़ गया है, क्योंकि इससे विभिन्न विषयों के बीच एक बेहतर समन्वय स्थापित होता है और जटिल समस्याओं का प्रभावी समाधान संभव हो पाता है।
कंप्यूटर साइंस के आदर्श जोशी ने बताया कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अवसर पर सोविनियर का अनावरण भी अतिथियों द्वारा किया गया।
एपेक्स संस्थान के एमडी मनिंदर सिंह ने सभी गणमान्य अतिथियों और शोधकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने की पहल की सराहना की और इसे शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
विभिन्न शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें आधुनिक तकनीक, जल प्रबंधन, स्मार्ट सिटीज, डिजिटल शिक्षा, फार्मास्युटिकल रिसर्च, पर्यावरणीय स्थिरता और नवाचार से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
सम्मेलन के माध्यम से शिक्षाविदों को यह अवसर मिला कि वे अपने शोध को अंतरराष्ट्रीय मंच पर साझा कर सकें और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से प्रतिक्रिया प्राप्त कर अपने शोध कार्य को और अधिक उन्नत बना सकें। नमामि गंगे के नोडल अधिकारी एवं आयोजक सचिव डॉ0 रितुराज पंत ने कहा कि इस आयोजन से महाविद्यालय ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की है।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. आभा शर्मा ने यह घोषणा की कि इस प्रकार के शोध-अधारित सम्मेलन भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे ताकि शोध और नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास और पारंपरिक ज्ञान के संगम से हम शिक्षा और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
महाविद्यालय का यह पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसने न केवल शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान किया, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर नई शोध संभावनाओं और नवाचार को प्रेरित किया। इस ऐतिहासिक आयोजन ने महाविद्यालय को शोध और अकादमिक उत्कृष्टता के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
इस अवसर पर आयोजक सचिव डॉ0 अशोक मेंदोला, समन्वयक डॉ0 फकीर सिंह डॉ0 रेखा जोशी डॉ0 हिमानी डॉ0 तनुजा आदि उपस्थित रहे।

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