पांच मिनट में गुत्थी सुलझाएगी गूगल की नई चिप ‘विलो’

अंतरराष्ट्रीय

वाशिंगटन। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने ऐसी चिप तैयार की है जो पांच मिनट में हर उलझी हुई गुत्थी सुलझा लेगी। गूगल का दावा है कि क्वांटम कंप्यूटिंग चिप पांच मिनट में हर गणना करेगी, जिसे करने में सुपर कंप्यूटर को हजारों साल लग सकते हैं। गूगल की विलो चिप से गलतियां होने की भी संभावना कम होगी। चिप के साथ व्यक्ति जितना क्यूबिट्स का इस्तेमाल करेंगे उतनी ही कम गलतियां होंगी और सिस्टम उतना ही ज्यादा सटीक गणना करेगा। गूगल के क्वांटम हार्डवेयर निदेशक जूलियन केली के अनुसार, गलतियों में सुधार पहली प्राथमिकता है। तीस साल की कड़ी मेहनत के बाद हमें जो सफलता हमें मिली है। भविष्य में इस तकनीक का प्रयोग दवाओं की खोज, मौसम पूर्वानुमान, साइबर सुरक्षा, और बड़े डाटा का विश्लेषण करने में किया जा सकता है। गूगल का ये शोध नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक्स पर पोस्ट साझा कर ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 30 साल की कड़ी मेहनत के बाद कंपनी को ये सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग चिप तकनीक की दुनिया में बड़ी सफलता है। अब ज्यादा क्यूबिट का प्रयोग कर त्रुटीमुक्त नतीजे मिल सकते हैं। इसी गणना को सुपरकंप्यूटर को करने में सालों लग जाते है। गूगल क्वांटम एआई के संस्थापक हार्टमुट नेवेन बताते हैं कि क्वांटम कंप्यूटिंग चिप विलो पांच मिनट में जो काम कर सकता है, उसी काम को करने में सुपर कंप्यूटर को करने में 10 सेप्टिलियन साल लगेंगे। इसे लिखने के लिए एक के बाद 25 शून्य लगाने होंगे। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विलो कितना तेज और उम्मीदों से भरा है। गूगल का कहना है कि गणित और संख्या से उलझी गुत्थी के बाद अब पूरा ध्यान दूसरे क्षेत्रों पर है। ऐसी तकनीक से मेडिसिन, बैटरी केमेस्ट्री और कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) की दुनिया में इस तरह की तकनीक को बढ़ावा देना है। इससे इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों को पल में हल करने की कोशिश होगी। तकनीक की दुनिया की तरक्की का रास्ता आसान बनेगा। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि क्वांटम कंप्यूटिंग अभी शुरुआती दौर में है। वैज्ञानिकों का मत है कि गूगल इस तकनीक पर आगे बढ़ता है। इसमें लगातार सुधार करता है तो इससे पूरी दुनिया बदल सकती है। इस तकनीक के जरिए बड़े से बड़े डेटा का विश्लेषण पल भर में हो सकता है। ये पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स पर काम करता है। क्यूबिट्स का मतलब कंप्यूटर बिट्स होता है। कंप्यूटर बिट्स नॉर्मल कंप्यूटर में गणना करने वाले बिट्स की तुलना में काफी तेज होते हैं। ये एक ही साथ अलग-अलग अवस्था में कई गणनाएं कर सकते हैं। क्यूबिट्स में गणना करते हैं तो हैकर्स की नजर में वो डाटा भी नहीं आ पाता है।

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