लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
पांच करोड़ विद्यार्थियों वाले उत्तर प्रदेश से ही देश में सुशासन आएगा। यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय प्रयोग हो रहे हैं। इन प्रयोगों को अन्य राज्यों में लागू कराने का प्रयास किया जाएगा। सबसे अच्छी बात यह है कि यूपी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही मायने में क्रियान्वित किया। यह बातें लखनऊ पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहीं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शनिवार को लखनऊ के योजना भवन में बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक तथा व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी में विभिन्न स्तरों के लगभग पांच करोड़ विद्यार्थी हैं जो देश के कुल विद्यार्थियों की संख्या का 15 से 18 प्रतिशत है। दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जिनकी इतनी जनसंख्या भी नहीं है। बावजूद इसके यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हुआ है। ड्राप आउट की संख्या कम हुई है। शिक्षा में कौशल विकास को बढ़ावा देने की शुरुआत हुई है। सुशासन के बिना कोई भी व्यवस्था ठीक से नहीं चल सकती। यदि देश में सुशासन स्थापित करना है तो यूपी में सुशासन स्थापित करना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में सुशासन स्थापित हुआ है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि यूपी में फीस नियंत्रण का कानून बनाकर अच्छा काम किया गया है। यह सरकार का प्रगतिशील कदम है। इसी तरह मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए यूपी सरकार गौरव पथ का निर्माण करके अच्छा माहौल बना रही है। यह प्रयोग अन्य राज्यों में भी लागू कराने का प्रयास किया जाएगा। इसी तरह माध्यमिक और उच्च शिक्षा में एनसीसी को महत्व दिया जाना अच्छा प्रयोग है। उन्होंने कस्तूरबा बालिका विद्यालयों को कक्षा आठ से उच्चीकृत कर इंटरमीडिएट तक करने के प्रदेश सरकार के फैसले की भी सराहना की। साथ ही माध्यमिक शिक्षा में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने के फैसले को भी बड़ा सुधारात्मक कदम बताया। प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षक भर्ती की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि शायद ही किसी राज्य ने इतनी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की होगी।