लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
लखीमपुर खीरी मामले की न्यायिक जांच सीटिंग जज से हो तभी पीड़ित किसान परिवारों को न्याय मिलेगा। एफआईआर के बाद भी अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे देते हैं। क्या उनके पद पर रहते हुए पीड़ित किसान परिवारों को न्याय मिलेगा। यह सवाल सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उठाए।
अखिलेश यादव ने गुरुवार को लखीमपुर खीरी रवाना से पहले अपने आवास के बाहर मीडिया से बातचीत में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है। भाजपा सरकार की कथनी करनी में बहुत अंतर है। लखीमपुर खीरी में किसानों को बर्बरता से कुचला गया। यह घटना किसानों के प्रति भाजपा सरकार के रवैए को दर्शाती है। अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ में मल्टीनेशनल कंपनी के अधिकारी के साथ क्या हुआ । पुलिस में झांसी में पुष्पेंद्र को मारा आज तक न्याय नहीं मिला। कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, अभी तक उस परिवार को न्याय नहीं मिला। कहा जा रहा है कि आरोपी पुलिस वाले फरार हैं। क्या वे बिना पुलिस की मदद के फरार हैं। इसी तरह से एक आईपीएस भी फरार है। घटनाओं के बाद पहले दिन से ही भाजपा के लोग मुद्दों में उलझाने में लग जाते हैं। भाजपा सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के बजाय घटनाओं को उलझाने में लग जाती है। लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किसानों को धमकी देते हैं। किसानों को अपमानित करते हैं। अखिलेश ने कहा कि पुलिस, मंत्री के इशारे पर काम कर रही है। भाजपा लगातार किसानों को अपमानित करने का काम कर रही है। यूपी में हत्या और अन्य अपराधिक घटनाओं के बाद पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलता है।