अयोध्या। अर्पणा पांडेय
अयोध्या में श्रीराम मंदिर में राम का दरबार सोमवार को सज गया। सुबह के नौ बजे से पहले ही देश विदेश के मानिंद लोग पहुंचने लगे। अभिनेता अमिताभ बच्चन से लेकर उद्योगपति मुकेश अंबानी तक ने राम दरबार में हाजिरी लगाई। सबकी चाह थी, उस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने की। वो क्षण, जिसके इंतजार में पांच सदी बीत गईं।
विरासत को संजोए नव्य और भव्य अयोध्या ने भी सबको आकर्षित किया। वे ज्यादा अचंभित थे, जो कभी पहले अयोध्या आ चुके थे। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला का दर्शन कर लौटे इन अतिथियों के चेहरों पर आनंदातिरेक के भाव स्पष्ट दिखे। श्यामल रामलला की छवि नैनों में समेटे और हाथ में ट्रस्ट की ओर से दिए गए प्रसाद का थैला लिए वे भाव-व्हिवल होकर वहां से विदा हुए। राममंदिर में जाने के लिए अतिथियों की गाड़ियां की कतार बिड़ला धर्मशाला से लेकर हनुमान गढ़ी तिराहे तक लग गईं।
कड़ी सुरक्षा के बीच आरएसएस प्रमुख डा. मोहन भागवत का काफिला पहुंचा। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से विभिन्न क्षेत्रों की ढाई हजार से अधिक हस्तियों को आमंत्रित किया था जबकि देशभर से आने वाले साधु-संतों की संख्या साढ़े तीन हजार से अधिक थी। चूंकि प्रधानमंत्री को सवा दस बजे पहुंचना था, सो मौसम का मिजाज देखते हुए अधिकांश अतिथि रविवार को देर रात तक ही पहुंच गए थे जबकि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, अनिल अंबानी, चिरंजीवी, रामचरण तेजा, सचिन तेंदुलकर, मुकेश अंबानी व नीता अंबानी, माधुरी दीक्षित, कैटरीना कैफ, रणबीर कपूर, जैकी श्रॉफ, आयुष्मान खुराना, सोनल मानसिंह सहित तमाम दिग्गज सोमवार की सुबह ही पहुंचे। लोजपा के चिराग पासवान सहित कई अन्य हस्तियां भी समारोह में पहुंची। वाल्मीकि एयरपोर्ट पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित पुलिस व प्रशासन के तमाम अफसरों ने सभी मेहमानों की अगवानी की। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के चलते अयोध्या की सीमाएं सील थीं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा था। बावजूद इसके पहले ही अयोध्या पहुंच चुके भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। सुबह तड़के से ही सड़कों पर संस्कृति विभाग की ओर से सांस्कृतिक जत्थों के कलाकार माहौल को राममय करने में जुटे थे।
तड़के से ही जय श्रीराम का शोर सुनाई दे रहा था। मंदिर की ओर जाने वाले रामपथ पर कड़ा सुरक्षा पहरा था। बेरीकेटिंग के पीछे खड़े रामभक्त एक-एक इंच मंदिर की ओर खिसकने को संघर्षरत थे। अतिथियों की गाड़ी ज्यों ही गुजरती, लोग जय श्रीराम का उद्घोष करने लगते। हनुमान गढ़ी मोड़ से आगे सिर्फ आमंत्रित अतिथियों को ही जाने दिया जा रहा था। मंदिर के मुख्य द्वार पर अतिथियों को छोड़ वाहन पार्किंग में रवाना कर दिए गए।