नई दिल्ली, देव कुमार।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लग गई। बैठक में खाद्य कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत पौष्टिक चावल की मुफ्त आपूर्ति 2028 तक जारी रखने, पंजाब-राजस्थान बॉर्डर पर बनेगा सड़कों का जाल बिछाने, राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास करने का फैसला किया गया।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर यानी फोर्टिफाइड चावल लोगों में खून की कमी (एनीमिया) के समाधान और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए अहम माना जाता है। चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने की प्रक्रिया में भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों (लौह, फोलिक एसिड, विटामिन बी12) से भरपूर ‘फोर्टिफाइड’ चावल कर्नेल (एफआरके) को नियमित चावल (कस्टम मिल्ड चावल) में मिलाया जाता है। मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई, 2024 से दिसंबर, 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए कुल वित्तीय योजना 17,082 करोड़ रुपये की होगी। इस व्यय का पूरा वित्तपोषण केंद्र सरकार करेगी। सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, अन्य कल्याणकारी योजनाओं, एकीकृत बाल विकास सेवा, पीएम पोषण के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की पहल की गई है। अप्रैल, 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मार्च, 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में चावल पौष्टीकरण पहल को लागू करने का निर्णय लिया था। तीनों चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं और मार्च, 2024 तक सभी सरकारी योजनाओं में पोषक तत्वों से भरपूर चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। सरकार ने बयान में कहा कि साल 2019 और 2021 के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में एनीमिया एक व्यापक समस्या बनी हुई है। यह विभिन्न आयु समूहों और आय स्तर के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को प्रभावित कर रही है।
केंद्रीय कैबिनेट ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स (एनएमएचसी) के विकास को मंजूरी दे दी। यह प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा होगा। इस परियोजना के विकास में 15 हजार प्रत्यक्ष रोजगार और सात हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के साथ लगभग 22 हजार नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। केंद्रीय कैबिनेट ने मास्टर प्लान के अनुसार स्वैच्छिक संसाधनों और योगदान के माध्यम से धन जुटाकर और बाद में कुल दो चरणों में क्रियान्वयन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है कि चरण 1बी के तहत लाइट हाउस संग्रहालय का निर्माण होगा। इसे लाइटहाउस और लाइटशिप महानिदेशालय डीजीएलएल द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने पंजाब और राजस्थान बॉर्डर पर 2280 किलोमीटर रोड नेटवर्क खड़ा करने का फैसला किया है। इससे दोनों राज्यों में बार्डर के आसपास के गांवों को बेहतर रोड कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी। रोड बन जाने से उनका जीवन सुगम हो जाएगा। रेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि योजना पर 4406 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि सड़क का निर्माण कार्य दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।