नई दिल्ली। खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर 50 से अधिक लोगों से ठगी करने वाले दो जालसाजों को कौशांबी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी महज चौथी पास है। दोनों आरोपी अजरबैजान, कुबैत, दुबई और मालदीव भेजने का झांसा देकर लाखों रुपये ठग लेते थे। लोगों से पासपोर्ट और उनके दस्तावेज भी ले लेते थे। दोनों से 22 पासपोर्ट के अलावा दो फर्जी प्रमाण पत्र, लैपटॉप, चार मोबाइल फोन और स्कूटी बरामद हुई है।
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि हाल ही में वैशाली सेक्ट-छह की एक सोसाइटी निवासी किशन कुमार ने शिकायत की थी कि अजरबैजान में नौकरी लगवाने के नाम पर दो लोगों ने उससे लगभग तीन लाख रुपये ठग लिए। शिकायत मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर छानबीन की गई। मामला सही पाए जाने पर पुलिस ने मनीष कुमार गोंड उर्फ गणेश पुत्र अलगू गोंड निवासी बदरपुर दिल्ली मूल निवासी कुशीनगर उत्तर प्रदेश और शाहरुख खान पुत्र मोहम्मद इस्तियाक निवासी इनायतनगर अयोध्या हाल निवासी क्लाउड नाइन सेक्टर एक वैशाली को गिरफ्तार किया है। कौशांबी पुलिस की माने तो विदेश में नौकरी के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने का मास्टरमाइंड मनीष मात्र चौथी कक्षा तक ही पढ़ा है, जबकि उसके साथी शाहरुख ने बारहवीं तक पढ़ाई की है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वैशाली सेक्टर-एक स्थित क्लाउड नाइन टॉवर में जय अंबे इंटरप्राइजेज नाम से कार्यालय खोला था। दोनों लोगों से पासपोर्ट जमा कराकर मोटी रकम वसूलते थे। यदि कोई व्यक्ति अपने पैसे या वीजा की मांग करता था तो उसे फर्जी टिकट या फर्जी वीजा बनाकर थमा देते थे। एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार ने बताया कि पूछताछ करने पर ठगी के मास्टरमाइंड मनीष ने बताया कि वह मई 2022 से अप्रैल 2023 तक दक्षिण अफ्रीका में डायनामिक कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी कर चुका है। वहां से लौटने के बाद उसने लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगना शुरू कर दिया। इस काम में आरोपी ने अपने जानकार शाहरुख को भी शामिल कर लिया। पुलिस ने मुताबिक, पूछताछ के बाद पता चला कि आरोपी अब तक 50 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं। सीपी ने बताया कि शाहरुख ने यूटयूब से एडिटिंग का काम सीखा था। आरोपी खुद फर्जी वीजा और हवाई जहाज के टिकट प्रिंट करते थे। चार माह पहले ही दोनों ने कार्यालय खोला था, इससे पहले एक साल तक बगैर कार्यालय के ठगी करते थे। कैंसिल टिकट को एडिट कर प्रिंट निकालकर लोगों को थमा देते थे। बरामद पासपोर्ट यूपी, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, बिहार और पंजाब में रहने वाले लोगों के हैं। आरोपी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर नौकरी के विज्ञापन डालते थे। ठगी की रकम शाहरुख के खाते में आती थी। ठगी से पहले मनीष कमीशन पर डीलर का कार्य करता था। कार्यालय खोलने के बाद मिनिस्ट्री से जारी होने वाला कंपनी का पंजीकरण प्रमाणपत्र और आयकर विभाग से जारी होने वाला पैन नंबर भी आरोपियों ने फर्जी बनवाया था। पुलिस का कहना है कि जिन लोगों के साथ मनीष पहले कमीशन पर काम करता था उनके बारे में भी जानकारी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के पास से जिन-जिन लोगों के पासपोर्ट बरामद हुए हैं, उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही, जिससे यह पता चल सके कि उनसे आरोपियों ने कितने-कितने रुपये लिए थे। वहीं, नौकरी के नाम पर कहां भेजने का झांसा दिया था। जल्द ही पासपोर्टधारकों से संपर्क होने पर उनसे भी इस बारे में पूछताछ की जाएगी। एसीपी ने बताया कि आरोपी मनीष और शाहरुख से बरामद लैपटॉप और चार मोबाइल फोन का डेटा खंगाला जा रहा। दोनों के इलेक्ट्रॉनिक गेजेस्ट से आरोपियों के फर्जीवाड़े के बारे में और अहम जानकारी मिल सकेगी। साथ ही, कुल रकम का पता चलने की भी संभावना है। पुलिस सूत्रों की माने तो विदेश में नौकरी का सपना संजोह रहे लोगों से आरोपी ज्यादातर पैसे अपने कार्यालय में बुलाकर नकद में लेते थे। हालांकि, दूर-दराज के क्षेत्रों और जनपदों से कई बार युवक नौकरी के चक्कर में ऑनलाइन पेमेंट करते थे, जिसे आरोपी अपने विभिन्न बैंक खातों में मंगाते थे। बैंक खातों का ब्यौरा आने के बाद ठगी की रकम की जानकारी मिल सकती है।