टनकपुर (चम्पावत), संवाददाता। नैनीताल निवासी एक वनकर्मी की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई। टनकपुर में हल्द्वानी वन प्रभाग के सेनापानी स्थित सरकारी आवास पर वनकर्मी का शव पड़ा मिला। घटना की स्पष्ट वजह का पता नहीं चल सका है। पुलिस ने घटनास्थल से एक तमंचा बरामद किया है। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। घटनास्थल से किसी प्रकार का सुसाइड नोट भी नहीं मिला है।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह हल्द्वानी वन प्रभाग की कालोनिया चौकी में तैनात चोरगलिया, नैनीताल निवासी वन आरक्षी हरीश चंद्र जोशी (35) पुत्र स्वर्गीय प्रकाश चंद्र जोशी का शव सेनापानी स्थित उसके सरकारी आवास में पड़ा मिला। वन कर्मियों की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद लहूलुहान हालत में वनकर्मी को टनकपुर उपजिला अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्साधिकारी डॉ. उमर ने बताया कि वन कर्मी की अस्पताल लाने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी। बनबसा एसओ लक्ष्मण सिंह जगवाण ने बताया कि 315 बोर के तमंचे से वनकर्मी के सीने में गोली लगी है। घटनास्थल से तमंचा बरामद किया गया है। घटना का कारण मालूम नहीं हो सका है। तमंचा कहां से आया और किस लिए लाया गया, इस पर भी जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि मामले में आत्महत्या समेत सभी संभावित एंगल से जांच की जा रही है। शारदा रेंजर पीसी जोशी ने बताया कि वन आरक्षी वर्ष 2015 से शारदा रेंज तैनात था। वर्ष 2015 में टनकपुर स्थित शारदा रेंज में वन आरक्षी पद पर हरीश की तैनाती हुई थी। मंगलवार को सरकारी आवास से उनका शव मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। जांच अधिकारी जितेंद्र बिष्ट ने बताया कि हरीश नौलापानी में वन आरक्षी रजनीश और वॉचर बलवंत के साथ रह रहा था। हरीश के साथी मंगलवार सुबह छह बजे नौलापानी से पांच किलोमीटर दूर सेनापानी में गश्त के लिए निकले तो इस बीच सरकारी आवास में गोली चलने की आवाज आई। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने जब हरीश की हालत देखी तो वे दंग रह गए। बिना देर किए उन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी। मृतक के बड़े भाई हेम चंद्र जोशी ने बताया कि हरीश की 18 अप्रैल को चोरगलिया से ही शादी होनी थी। शादी के लिए कार्ड छपने की तैयारी की जा रही थी। सभी हरीश की शादी की तैयारियों में लगे थे। परिजनों से लेकर रिश्तेदारों में खुशी का माहौल था। सोमवार शाम हरीश से उनकी फोन पर बात हुई थी। हरीश ने बुधवार को छुट्टी लेकर घर आने की बात भी कही थी। हरीश के बड़े भाई खेती-बाड़ी कर परिवार चलाते हैं, जबकि मां गृहिणी हैं।