देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शनिवार को इंडोस्कोपी द्वारा कान के ऑपरेशन विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला विधिवत शुरू हो गई। इस दौरान विदेशी फैकल्टी ने चार मरीजों के कान की लाइव सर्जरी की, जिसका प्रतिभागियों के लिए सजीव प्रसारण किया गया।
एम्स के ईएनटी डिपार्टमेंट की ओर से आयोजित कार्यशाला के अवसर पर अपने संदेश में निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान में नई तकनीकी को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे जरूरतमंद लोगों को आधुनिकतम सुविधाओं का लाभ मिल सके। एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने बताया कि संस्थान में सततरूप से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों व कार्यशालाओं के आयोजन का उद्देश्य भी फैकल्टी व चिकित्सकों तक नवीनतम जानकारियां पहुंचाना है,जिससे मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध हो सके। ईएनटी विभागाध्यक्ष व आयोजन समिति के अध्यक्ष डा.सौरभ वाष्ण्रेय ने बताया कि कार्यशाला में एम्स समेत देश दुनिया के 100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही इंटरनेशनल फेकल्टी इटली से प्रो.डेनियल मार्चीयोनी, डा. एलीजिया, डा. रोजी,ऑस्ट्रेलिया से प्रो.निर्मल पटेल व दुबई से डा. मुस्तफा शामिल हैं। इनमें से इटली के प्रो.डेनियल व आस्ट्रेलिया के प्रो.निर्मल पटेल ने चार रोगियों के कान के ऑपरेशन किए, जिसका ओटी से लेक्चर थिएटर में लाइव प्रसारण किया गया।
उन्होंने बताया कि देश के पहाड़ी व ऊंचाई वाले हिस्सों में कान की बीमारी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है, इसकी वजह ऊंचाई पर वाले स्थानों पर वायु दबाव का कम होने से किन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन 40 से 50 प्रतिशत मरीज सुनने व कान के बहने की शिकायत लेकर आते हैं। ईएनटी विभागाध्यक्ष ने बताया कि आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन दूरबीन विधि से किए जाते हैं मगर एम्स में इंडोस्कोपी से नाक,कान व गले के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इस अवसर पर आयोजन समिति के सचिव डा.मनु मल्होत्रा, प्रो.प्रतिमा गुप्ता, प्रो.मनोज गुप्ता, प्रो.सुरेश शर्मा, प्रो.शालिनी राव,ईएनटी विभाग के डा.अमित त्यागी, डा.मधुप्रिया,डा.अमित कुमार, डा.अभिषेक भारद्वाज आदि मौजूद थे।