देहरादून, अर्पणा पांडेय।
अच्छी सेहत और कई गंभीर बीमारियों से बचे रहने के लिए चिकित्सक शाकाहार को बेहतर मान रहे हैं, लेकिन पूरी तरह से शाकाहार करने वाले लोगों में खून की कमी और इसकी वजह से कमजोरी की समस्या सामने आ रही है। चिकित्सक इसका कारण घरों की किचन में अब नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल बढ़ना मान रहे हैं।
फिजीशियन डॉ.नितिन बत्रा ने बताया कि शुद्ध रूप से शाकाहार का सेवन करने वाले लोगों के शरीर में सामान्य: आयरन की कमी रहती है। इसी के मद्देनजर हरी सब्जियां आदि पकाने के लिए लोहे की कड़ाही का इस्तेमाल करने की परंपरा शुरू की गई थी लोहे की कड़ाही में हरी सब्जियां पकाने से उनमें आयरन पहुंच जाता है। अब अधिकतर घरों की किचन से लोहे की कड़ाही गायब हो गई है। नॉन स्टिक आदि बर्तनों का इस्तेमाल बढ़ने के चलते आयरन की कमी की समस्या बढ़ गई है। सिर्फ शाकाहार पर निर्भर रहने वालों के शरीर में आयरन की कमी पूरा करने के लिए आयरन सप्लीमेंट्स लेना जरूरी है। हृदयरोगों समेत कई गंभीर बीमारियों से बचाव के मामले में शाकाहार बेहतर है। बेहतर क्वालिटी का मांस नहीं मिलने और इसे पकाने के सही तौर-तरीके नहीं अपनाने के चलते मांसाहारियों को बीमारियों का खतरा अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग मांसाहार का सेवन अधिक करते हैं उन्हें सलाद रोजाना खाना चाहिए। जो लोग बिल्कुल भी मांसाहार नहीं करते सिर्फ शाकाहार पर ही निर्भर हैं वह भी अगर सब्जी-फल का सेवन पर्याप्त मात्रा में नहीं करते हैं तो उनकी सेहत की समस्या बढ़ जाती है। सीमित मात्रा में मांसाहार खाने से सेहत को खतरा नहीं है, लेकिन शाकाहार से पूरी तरह से दूरी रखने और मांस पकाने में चिकनाई, मसालों का इस्तेमाल अधिक होने के चलते कई मांसाहारी लोगों में सेहत से जुड़ी दिक्कतें भी बढ़ रही हैं। सेहत के लिए संतुलित भोजन का होना बहुत जरूरी है। सब्जियां और फलों की मौजूदगी होने के चलते शाकाहारी भोजन इसलिए ज्यादा फायदेमंद है कि शरीर को जरूरी खनिज लवण मिल जाते हैं। पर्याप्त रेशा होने से कब्ज की समस्या नहीं होती। बीमारियों से शरीर को बचाने के लिए इम्युनिटी बढ़ाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व मिलते हैं।
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