नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
समग्र शिक्षा अभियान को अगले पांच सालों के लिए विस्तार मिल गया है। इस दौरान इस अभियान पर 2.94 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं इसमें नई शिक्षा नीति के भी कई प्रावधानों को शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने इसकी मंजूरी मिल गई। सरकारी स्कूलों के हर बच्चे को प्रतिमाह पांच सौ रुपये की सहायता भी दी जाएगी। वहीं स्कूलों में बाल वाटिका की भी स्थापना होगी।
कैबिनेट बैठक के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान-2.0 पर 2.94 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे और इस राशि में केंद्र का हिस्सा 1.85 लाख करोड़ रुपये होगा। बाकी राशि राज्यों को खर्च करनी होगी। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा कार्यक्रम के दायरे में सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ बच्चे और 57 लाख शिक्षक आएंगे। प्रधान ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान-2.0 योजना के तहत अगले कुछ वर्षों में नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से स्कूलों में बाल वाटिका, स्मार्ट कक्षा, प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी तथा आधारभूत ढांचे, व्यावसायिक शिक्षा एवं रचनात्मक शिक्षण विधियों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार के तहत स्कूलों में ऐसा समावेशी और खुशहाल वातावरण तैयार करने पर जोर दिया गया है जो विविध पृष्ठभूमियों, बहुभाषी जरूरतों और बच्चों की विभिन्न अकादमिक क्षमताओं का ख्याल रखता हो। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसके तहत चरणबद्ध तरीके से बाल वाटिका स्थापित करने के साथ शिक्षण पाठ्य सामग्री तैयार की जाएगी। साथ ही स्मार्ट कक्षा की भी व्यवस्था की जाएगी। शिक्षण पाठ्य सामग्री के लिए सरकारी स्कूलों के हर बच्चे को प्रतिमाह पांच सौ रुपये की सहायता भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान का दायरा बढ़ाते हुए विशेष सहायता की जरूरतों वाली बालिकाओं के लिए अलग से प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था, सीखने की प्रक्रियाओं की निगरानी, शिक्षकों की क्षमता के विकास एवं प्रशिक्षण कार्य पर खास ध्यान दिया जाएगा। यही नहीं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का दायरा बढ़ाने एवं उनका उन्नयन व हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड की प्रक्रिया को लागू करने पर जोर दिया जाएगा। प्रत्येक स्कूल को खेलों के लिए 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। उच्चतर स्कूलों में परिवहन राशि को बढ़ाकर छह हजार रुपये करने का फैसला किया गया है।