प्रयागराज। अपर्णा पांडे
विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक अध्यात्मिक समागम कुंभ का प्रयागराज में आज से आगाज हो गया। साथ ही प्रयागराज में संस्कृति और संस्कार का शंखनाद हो गया।
प्रयागराज में शाही स्नान के लिए 13 अखाड़ों को तीन भागों में बांटा गया है। सबसे पहले सन्यासी अखाड़ों ने 6:15 बजे कुंभ कुंभ शाही स्नान किया। 5 बजकर 45 मिनट पर शाही स्नान के लिए संन्यासी के अखाड़े निकले। पहले स्नान के लिए महानिर्वाणी अखाड़े के संत, अचार्य और महामंडलेश्वर शाही अंदाज में रथों पर विराजमान होकर संगम तट की ओर बढ़ रहे थे। इनके साथ चल रहा नागा साधुओं का कारवां लोगों की आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बैरागियों के अखाड़े, निर्मोही अनी, दिगंबर अनी और निवार्णी अनी के संतों ने अपने देवता और निशान के साथ संगम में डुबकी लगाई। बैरागी अखाड़े स्नान पूरा कर अपने शिविर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। वहीं श्रद्धालुओं के उपर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई जा रही है। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर कुंभ के शाही स्नान में करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। अनुमान के अनुसार प्रयागराज संगम संगम तट पर मंगलवार सुबह तक एक करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई ।प्रयागराज में पहली बार साढे 5 मीटर लंबे तथा 35 जगह बने घाटों पर स्नान की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तमाम तमाम कड़े प्रबंध किए गए हैं। प्रशासन के अनुसार पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और होमगार्ड के 25 सौ से अधिक जवान तैनात किए गए हैं। 300 हेक्टेयर में 94 स्थलों पर पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है।