काबुल।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा होते ही बड़ी तादाद में लोग अफगानिस्तान छोड़कर भागने लगे। इससे काबूल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ उमड़ी पड़ी। इस वजह से एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई। इस बीच अमेरिकी सेना की ओर से की गई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई।
आरोप है कि अमेरिकी सेना ने भीड़ को रनवे से पीछे धकेलने के लिए हवा में गोलियां दागीं। इसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं। चश्मदीदों ने बताया कि एयरपोर्ट टर्मिनल के पास लाश देखे गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों लोगों ने जबरन अफगानिस्तान की राजधानी छोड़ने वाले जहाजों में दाखिल होने की कोशिश की। इस दौरान सुरक्षा बलों ने गोलियां चलाना शुरू कर दिया। एक चश्मदीद के हवाले से बताया कि यहां चार लोगों की लाशों को गाड़ियों में रखकर ले जाया गया है। अमेरिकी फौजियों ने एयरपोर्ट भर भीड़ को काबू में रखने के लिए हवा में फायरिंग की थी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोग एयरपोर्ट की ओर भाग रहे हैं। वे लोग विमान में बैठने के लिए एक दूसरे पर चढ़ रहे हैं। उधर अमेरिकी सैनिकों ने सोमवार को काबुल के हवाई अड्डे पर दो हथियारबंद लोगों को मार डाला। पेंटागन के एक शीर्ष जनरल ने तालिबान के साथ दोहा में मुलाकात के दौरान यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी मध्य कमान के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने रविवार को दोहा में आमने-सामने की बैठक में तालिबान अधिकारियों से कहा कि हवाईअड्डे पर हमला न करें। यही नहीं अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और राष्ट्रपति अशरफ गनी के शासन के घुटने टेकने के बीच अमेरिका ने कहा है कि अपने नागरिकों, अपने मित्रों और सहयोगियों की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी के लिए वह काबुल हवाई अड्डे पर 6,000 सैनिकों को तैनात करेगा। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने महत्वपूर्ण सहयोगी देशों के अपने समकक्षों से बात की। हालांकि इनमें भारत शामिल नहीं था। अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही लें और सुरक्षा एवं असैन्य व्यवस्था की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं। विदेश विभाग और रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, फिलहाल हम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं ताकि सैन्य और असैन्य विमानों के जरिए अमेरिकी लोग और उनके सहयोगी अफगानिस्तान से सुरक्षित निकल सकें।