पहले दिन कृषि यंत्रों की जानकारी लेने में मशगूल रहे किसान

गया

पटना। राजेन्द्र तिवारी

नवादा में दो दिवसीय कृषि यांत्रीकरण मेला सह कृषि प्रदर्शनी की शुरुआत हुई। आयोजन रंगलाल इंटर स्कूल के खेल मैदान में हो रहा है। पहले दिन किसान जानकारी लेने और पूछताछ में ज्यादा मशगूल रहे। जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा, कृषि निदेशक संतोष कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी रविकांत कुमार, प्रखंड प्रमुख तारकेश्वर चौधरी, उप प्रमुख लालबहादुर शास्त्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेला का उद्घाटन किया। कृषि समन्वयक अशोक कुमार ने समारोह का संचालन किया। आत्मा के परियोजना निदेशक शिवदत्त सिन्हा ने कृषि यंत्रों पर अनुदान और मशरूम की खेती से संबंधित जानकारी दी। प्रखंड प्रमुख की शिकायत थी कि प्रचार-प्रसार नहीं हुआ। इसी कारण कारण मेला में किसानों की संख्या कम है। मेला में तीन दर्जन के करीब स्टॉल हैं, जहां खाद-बीज से लेकर कृषि यंत्रों की बिक्री हो रही। कृषि यंत्रों की खरीद किसानों को अपनी जेब से पूरी राशि देकर करनी है। खरीद का प्रमाण देने के बाद उसके बैंक खाते में अनुदान की राशि भेजी जाएगी। अलग-अलग यंत्रों पर अनुदान की राशि अलग-अलग है।नवादा गाव के शिवचरण प्रसाद, लंबोइया के शंकर यादव की परेशानी यह कि जेब में पैसे नहीं हैं। उन्हें कृषि यंत्रों की दरकार है। अनुदान की राशि घटाकर खरीद की व्यवस्था पर कुछ राहत मिलती। प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुरेश प्रसाद सिंह ने बताया कि लगभग 36 लाख के कृषि यंत्रों की बिक्री हुई है। पावर ट्रिलर, थ्रेसर, दवा छिड़काव मशीन, दो और तीन फेज से चलने वाले बिजली मोटर, सबमर्सिबल, हार्वेस्टर आदि यंत्रों के प्रति किसानों की दिलचस्पी है। गया। दो दिवसीय कृषि यांत्रीकरण मेला सह कृषि प्रदर्शनी की शुरुआत शुक्रवार अपराह्न हुई। आयोजन रंगलाल इंटर स्कूल के खेल मैदान में हो रहा है। पहले दिन किसान जानकारी लेने और पूछताछ में ज्यादा मशगूल रहे। जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा, कृषि निदेशक संतोष कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी रविकांत कुमार, प्रखंड प्रमुख तारकेश्वर चौधरी, उप प्रमुख लालबहादुर शास्त्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेला का उद्घाटन किया। कृषि समन्वयक अशोक कुमार ने समारोह का संचालन किया। आत्मा के परियोजना निदेशक शिवदत्त सिन्हा ने कृषि यंत्रों पर अनुदान और मशरूम की खेती से संबंधित जानकारी दी। प्रखंड प्रमुख की शिकायत थी कि प्रचार-प्रसार नहीं हुआ। इसी कारण कारण मेला में किसानों की संख्या कम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *