पटना।
किसान सम्मान निधि योजना में आवेदनों के सत्यापन की गति बहुत मंद है। यही रफ्तार रही तो आवेदकों के खाते में इस साल की किस्त डालना कठिन हो जाएगा। राज्य के 16 लाख किसानों ने आवेदन तो कर दिया है, लेकिन अधिकारियों के स्तर पर सत्यापन दो लाख का ही हो पाया है। आगे चुनाव में अधिकारियों की व्यस्तता बढ़ी तो यह काम लगभग ठप पड़ सकता है। हालांकि कृषि समन्वयकों के स्तर से लगभग चार लाख आवेदनों की जांच की जा चुकी है।
किसान सम्मान निधि योजना में दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में छह हजार रुपये सरकार की ओर से दिए जाने हैं। लेकिन यह राशि हर चार महीने में दो-दो हजार करके किसानों के खाते में डालना है। इस लिहाजा से वित्तीय वर्ष 2018-19 में एक किस्त की राशि ही किसानों को मिल पाएगी। लेकिन उस राशि का भुगतान भी तभी हो पाएगा जब राज्य सरकार 31 मार्च के पहले किसानों की सूची केन्द्र के पास भेज दे। उसके बाद अगर राशि दी गई तो उसकी गणना अगले साल की पहली किस्त के रूप में होगी। यानी समय पर केन्द्र के पास सूची नहीं गई तो किसानों को दो हजार रुपये का नुकसान होगा।
योजना के लाभ को कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना
किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना है। जो किसान पहले से निबंधन करा लिये हैं उन्हें सिर्फ योजना के लिए आवेदन करना होगा। लेकिन जो अब तक विभाग में निबंधन नहीं करा पाए हैं उन्हें पहले निबंधन कराना होगा फिर आवेदन करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी के बिना भी कई किसान आवेदन नहीं कर पाये हैं। यही कारण है कि अब तक राज्य के मात्र 16 लाख किसान ही इसके लिए आवेदन किये हैं। सही मायने में लाभुकों की संख्या जोड़े तो राज्य में दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों की संख्या लगभग डेढ़ करोड़ है। लेकिन इसमें बड़ी संख्या में किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं। बटाइदारों के लिए यह योजना है नहीं। लिहाजा विभाग का मानना है कि इससे लगभग 35 से 40 लाख किसान लाभान्वित होंगे।