नई दिल्ली/ न्यूयॉर्क। नीलू सिंह
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को संकेत दिया कि किसानों को सालाना 6,000 रुपये के न्यूनतम सहायता राशि को भविष्य में बढ़ाया जा सकता है। जेटली ने कहा कि सरकार के संसाधन बढ़ेंगे जिससे भविष्य में किसानों को दी जाने वाली सालाना राशि को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य इस राशि के ऊपर अपनी ओर से आय समर्थन योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। जेटली ने कहा, 12 करोड़ छोटे और सीमान्त किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा सरकार की योजना उन्हें घर देने, सब्सिडी पर खाद्यान्न देने, मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने, मुफ्त साफसफाई की सुविधा देने, बिजली, सड़क, गैस कनेक्शन देने की योजना तथा दोगुना कर्ज सस्ती दर पर देने जैसी सभी योजनाएं किसानों की दिक्कतों को दूर करने से जुड़ी हैं। किसानों को न्यूनतम आय समर्थन देने का यह पहला साल है। मुझे भरोसा है कि सरकार के संसाधन बढ़ने के साथ इस राशि को भी बढ़ाया जा सकता है। करीब 15 करोड़ भूमिहीन किसानों को इस योजना में शामिल नहीं करने के बारे में जेटली ने कहा कि उनके लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा और कई अन्य लाभ हैं। जेटली ने कहा कि मौजूदा सरकार ने ग्रामीण इलाकों में जो लाखों करोड़ रुपये लगाए हैं यह राशि उसके अतिरिक्त है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत छोटे किसानों के खातों में इसी महीने से धन डालना शुरू कर देगी। उन्होंने कहा कि किसानों को न्यूनतम आय समर्थन इसी महीने से मिलना शुरू हो जाएगा क्योंकि लाभार्थियों के आंकड़े पहले ही तैयार हैं। इस योजना को एक दिसंबर, 2018 से क्रियान्वित करने का फैसला किया गया है। चालू वित्त वर्ष में इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। इसके लिए बजट में आवंटन किया गया है। जमीन का रिकॉर्ड भी उपलब्ध है। हमारे पास छोटे और सीमान्त किसानों की सभी सूचनाएं उपलब्ध हैं। गर्ग ने बताया कि सरकार ने पिछले साल कृषि गणना 2015-16 जारी की थी। ज्यादातर राज्य इलेक्ट्रॉनिक तरीके से रिकॉर्ड रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग अब इस रिकॉर्ड के जरिए उन परिवारों की पहचान करेगा जिन्हें इस योजना के तहत मदद दी जानी है।