देहरादून। अनीता रावत
मौनी अमावस्या पर फिर से वही योग पड़ रहे हैं जो वर्ष 1992 में पड़े थे। कई योगों के पड़ने से पर्व का महत्व बढ़ गया है। रविवार से तीर्थयात्रियों का हरिद्वार आना शुरू हो जाएगा। 1992 में तीन फरवरी को मौनी अमावस्या सोमवार को पड़ने के कारण सोमवती थी। संयोग से उस दिन भी हरिद्वार अर्द्धकुंभ का प्रमुख स्नान भी था। इसी तरह से इस बार मौनी अमावस्या चार फरवरी सोमवार को पड़कर सोमवती हुई है और प्रयाग अर्द्धकुंभ का मुख्य स्नान इसी दिन पड़ रहा है। बताया गया कि इसी कारण इस बार सोमवती अमावस्या के स्नान का पर्व पूर्ण पर्वकाल लेकर आया है। प्रात:काल सूर्योदय से लेकर सायंकाल सूर्यास्त तक पूर्ण मुहूर्त मौजूद रहेगा। इस कारण भक्त किसी भी समय मां गंगा में डुबकी लगा सकते हैं।