अर्पणा पांडेय
लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष बनाने में फेसबुक भी अपना योगदान दे रहा है। फेसबुक ने न्यूजरूम बनाकर सूचना योद्धा तैनात कर दिया है। जिनका काम फर्जी सूचनाओं को फैलने से रोकना है। खास बात यह है कि फर्जी सूचनाओं को रोकने वाले यह सूचना योद्धा हर भाषा के जानकार है। इसका खुलासा फेसबुक इंडिया के प्रबंध संचालक और उपाध्यक्ष अजित मोहन ने खुद किया।
लोकसभा चुनाव के मतदान 11 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। इसको देखते हुए फेसबुक ने अपने मुख्यालय में एक व्यापक रणनीति शुरू की है। इसके तहत इलेक्शन वार रूम बनाया गया है। जिसमें ‘सूचना योद्धा’ तैनात किए गए हैं। ये सूचना योद्धा फर्जी खबरें, मतदाता को दबाने का प्रयास, संदिग्ध खाता व्यवहार, नफरत भरे संदेश और फर्जी खातों जैसी घटनाओं पर नजर रख रहे हैं। फेसबुक इंडिया के प्रबंध संचालक और उपाध्यक्ष अजित मोहन ने ब्लॉग लिखकर बताया है कि फेसबुक नागरिक विमर्श और बहस के लिए अहम रोल अदा करती है। इसलिए फेसबुक पर अभद्र भाषाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है, खासकर चुनाव के समय को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए फेसबुक ने भारत में मान्यता प्राप्त सात संगठनों के साथ तथ्यों की जांच के लिए साझेदारी की है। मोहन ने बताया कि ये समूह बहुतायत में बोली जाने वाली आठ भाषाओं-अंग्रेजी, हिन्दी, बंगाली, मराठी, तेलुगू, तमिल, मलयालम और गुजराती भाषाओं को कवर करते हैं और अन्य को शामिल करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में हमने तथ्यों की जांच के लिए तीसरी पार्टियों तक अपना दायरा बढ़ाया है। ये पार्टियां भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा इंग्लिश, हिंदी, मलयालम, बंगाली, मराठी, तेलुगू, गुजराती तक पहुंच रखती है। इससे जो क्षेत्रीय भाषा में कंटेंट भेजा जाता है उसको रोकने का प्रयास किया जा रहा है।