रियो डी जेनेरियो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के सामने आर्थिक अपराधियों के मुद्दे को उठाया है। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर के साथ बैठक में मोदी ने भगोड़े भारतीय व्यापारियों के प्रत्यर्पण का आह्वान किया। मोदी ने ब्रिटेन में भारत के आर्थिक अपराधियों के मुद्दे के समाधान के महत्व को रेखांकित किया। वहीं, भारतीय पक्ष ने भगोड़े भारतीय व्यापारियों विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर जोर दिया।
बता दें कि जुलाई में ऋषि सुनक के बाद स्टार्मर के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी। भारत सरकार के बयान के अनुसार व्यापार सौदे पर दोनों प्रधानमंत्रियों ने आशा व्यक्त की मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप दिया जाएगा, जबकि शेष मुद्दों को आपसी बातचीत के जरिए हल किया जाएगा। बैठक के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट में मोदी ने कीर स्टार्मर के साथ बैठक को सार्थक बताया और कहा कि ब्रिटेन के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी भारत की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हम प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, सुरक्षा, नवाचार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के इच्छुक हैं। हम व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करना चाहते हैं। वहीं स्टार्मर ने कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता नए साल में फिर से शुरू की जाएगी। मार्च 2016 से ब्रिटेन में रह रहे और भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने की कोशिश कर रहे विजय माल्या 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण के मामले में आरोपी हैं। यह ऋण उनकी बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़ी है। वहीं, भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी पिछले पांच साल से लंदन की जेल में बंद है। वह भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण की अपनी लड़ाई हार चुका है।