लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
पूर्व विधायक योगेंद्र सागर को छात्रा के अपहरण और गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार रुपये जुर्माना भी डाला है। योगेंद्र सागर बिसौली से भाजपा विधायक कुशाग्र सागर के पिता हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं प्रीति सागर के पति हैं।
23 अप्रैल 2008 को बिल्सी के एक डिग्री कालेज की छात्रा परीक्षा देने गयी थी लेकिन परीक्षा देकर वापस नहीं लौटी। 16 मई 2008 को पुलिस ने पीड़िता को मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से बरामद किया। बयान के आधार पर सीबीसीआईडी ने 28 अक्टूबर 2008 को मामले में एफआर लगा दी। एफआर के बाद पीड़िता के पिता ने प्रोटेस्ट दाखिल किया। मामला परिवाद के रूप में न्यायालय में चला। 18 अगस्त 2009 को तेजेंद्र सागर, नीरज शर्मा उर्फ मीनू शर्मा और योगेंद्र सागर को कोर्ट ने तलब किया। 29 जुलाई 2010 को योगेंद्र सागर को इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे मिला। इसके बाद पत्रावली अलग कर दी गयी। तेजेंद्र सागर और मीनू शर्मा को इस मामले में पहले ही सजा हो चुकी है। योगेंद्र सागर का मुकदमा विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए कोर्ट)\अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कक्ष संख्या नौ अखिलेश कुमार की कोर्ट में चला। कोर्ट ने योगेन्द्र सागर को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास समेत 30 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी मदनलाल राजपूत के मुताबिक मामले में घटना की रिपोर्ट पीड़िता के पिता की ओर से बिल्सी थाने में दर्ज कराई गई थी। इसमें उल्लेख किया कि 23 अप्रैल 2008 को उसकी पुत्री, जो बिल्सी के एक डिग्री कालेज की छात्रा है, समाजशास्त्र के तृतीय पाली में परीक्षा देने गयी थी लेकिन परीक्षा देकर वापस नहीं लौटी। काफी तलाश किया लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। पुलिस ने पीड़िता की गुमशुदगी दर्ज कर ली। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाई।