रांची। कर्जमाफी से ज्यादा जरूरी है किसानों को सशक्त बनाना। पलामू जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए वे कर्ज माफ करने के बजाय लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना ज्यादा पसंद करेंगे।
पलामू में छह सिंचाई परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपये की लागत से लंबित पड़ीं 99 सिंचाई परियोजनाओं पर काम शुरू किया। हमने कर्ज माफ करने के बजाय सिंचाई परियोजनाएं पूरा करना पसंद किया। उन्होंने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं को लंबित रखना पिछली सरकार के हिस्से की आपराधिक लापरवाही है। आखिर एक सिंचाई परियोजना को 50 साल के लिए लंबित कैसे रखा जा सकता है? पिछली सरकार ने किसानों को वोट बैंक के रूप में देखा, जबकि हमारी सरकार ने उन्हें अन्नदाता माना। पिछली सरकार ने पहले किसानों को कर्ज लेने के लिए मजबूर किया, जिससे किसान की स्थिति बिगड़ी और अब वह कर्ज माफ करने का ड्रामा कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तरी कोयल (मंडल) सिंचाई परियोजना पर 1972 में काम शुरू हुआ था और 1993 में समाप्त हुआ। यह सिंचाई परियोजना अब बिहार व झारखंड का एक संयुक्त उपक्रम है। इससे झारखंड में 19,000 हेक्टेयर सहित कुल 111,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। 1972 में परियोजना की लागत 30 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 2,400 करोड़ रुपये हो गई है। इस दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मैं मंडल बांध परियोजना शुरू करने के लिए दोनों मुख्यमंत्रियों का धन्यवाद करता हूं। यह उस वक्त हो रहा है, जब कई राज्य पानी को लेकर लड़ रहे हैं और मामले सर्वोच्च न्यायालय में हैं। पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर आवास योजनाएं शुरू करने के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैंने आवास योजना का नाम बदला, ताकि प्रधानमंत्री आवास योजना किसी भी प्रधानमंत्री के अंतर्गत चलती रहे। पहले बिचौलिए आवास योजना में सक्रिय थे, अब हर चीज पारदर्शी तरीके से हो रही है। आवास योजना की लाभार्थी अब महिलाएं हैं।