पटना। राजेन्द्र तिवारी
देश का पहला इलेक्ट्रिक रेल इंजन रविवार को टाटानगर स्टेशन पर स्थापित होगा। इसे दर्शकों के देखने के लिए पार्सल गेट के पास स्थापित किया जाएगा। इसके लगने से टाटानगर देश का पहला ऐसा स्टेशन हो जाएगा जहां मॉडल नहीं, बल्कि पूरा इंजन साज-सज्जा के साथ स्थापित होगा। इसकी वायरिंग होगी और वास्तविक स्वरूप देने को पेंटो भी लगाया जाएगा। यह जानकारी वरीय मंडल विद्युत अभियंता अनंत सदाशिव ने शनिवार को दी। उन्होंने बताया कि 118.8 टन वजनी, करीब 21 मीटर लंबे और तीन मीटर चौड़े इंजन को तीन भागों में बांटकर सौ-सौ टन क्षमता के तीन क्रेन की मदद से तीन ट्रेलर पर लोड किया गया है। रविवार सुबह स्टेशन परिसर में उसे लाया जाएगा। इसके लिए किफायती दर पर क्रेन कैरियर कारपोरेशन ने उपलब्ध कराया। इंजन स्थापित करने के लिए रविवार सुबह 8 से 4 बजे तक इन गेट को बंद रखा जाएगा। इस दौरान यात्री और वाहन आउट गेट से से ही आवाजाही करेंगे।3 एक इलेक्ट्रिक रेल इंजन की उम्र 35 साल होती है। मगर चितरंजन में बने डब्ल्यूएजी -5 मॉडल के इस मालवाहक इंजन को 22 सितंबर 1981 को पटरी पर उतारा गया। इस तरह 37 साल की सेवा के बाद यह दो माह पूर्व रिटायर हुआ। शुरुआत में यह विशाखापत्तनम में था। तब से इसे लोको फाटक के पास रखा गया था। 3850 हॉर्स पावर के इस इंजन की अधिकतम स्पीड 105 किलोमीटर थी।