सिंगापुर। शह और मात के खेल यानि शतरंज में किसी ग्रैंडमास्टर को हराना बड़ी उपलब्धि माना जाता है। पर भारतीय मूल के सिंगापुर के अश्वथ कौशिक ने आठ साल की उम्र में यह कर दिखाया। इसी के साथ कौशिक (8 साल, 6 महीने, 11 दिन) किसी ग्रैंडमास्टर को क्लासिकल शतरंज में हराने वाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। उन्होंने रविवार को स्विट्जरलैंड में बर्गडोर्फर स्टेडथॉस ओपन टूर्नामेंट में पोलैंड के ग्रैंडमास्टर जासेक स्टोपा को हराकर यह उपलब्धि हासिल की।
कुछ हफ्तों में टूट रिकॉर्ड : सिंगापुर का प्रतिनिधित्व कर रहे अश्वथ ने 37 साल के स्टोपा को हराया। पिछला रिकॉर्ड कुछ ही हफ्ते पहले बना था। तब सर्बिया के लियोनिड इवानोविच (8 साल, 11 महीने, 7 दिन) ने बेलग्रेड ओपन में बुल्गारिया के 59 साल के ग्रैंडमास्टर मिल्को पोपचेव को हराया था। इवानोविच की उम्र अश्वथ से कुछ महीने अधिक है। फिडे विश्व रैंकिंग में दुनिया के 37,338वें नंबर के खिलाड़ी अश्वथ 2017 में सिंगापुर आ गए थे।
सिंगापुर के ग्रैंडमास्टर और सिंगापुर शतरंज महासंघ के सीईओ केविन गोह ने अश्वथ की उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने एक्स पर लिखा, उसके पिता ने काफी समर्थन किया, लड़का समर्पित है। स्कूल ने लचीलापन दिखाया और निश्चित रूप से उसमें नैसर्गिक प्रतिभा है। यह देखना बाकी है कि वह कितनी दूर तक जा सकता है। क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ लड़के की रुचि बदल सकती हैं। फिर भी हम आशांवित हैं। अश्वथ दो साल पहले अंडर-8 ईस्टर्न एशिया यूथ शतरंज चैंपियनशिप की तीनों स्पर्धाओं में चैंपियन बनकर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2022 में क्लासिक, रैपिड और ब्लिट्ज में स्वर्ण पदक जीते थे। अब उनका अगला लक्ष्य अपनी रेटिंग में सुधार करना और कैंडिडेट मास्टर का खिताब जीतना है। साथ ही साल के अंत में युवाओं के फिडे विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करना है। चार साल में शुरुआत : अश्वथ को चार साल की उम्र में उनके माता-पिता ने शतरंज के इस खेल से परिचित करवाया था। इसके कुछ माह बाद ही वह माता-पिता के साथ ही दादा-दादी को अपनी चालों से मात देने लगे थे। वह दिन में दो घंटे शतरंज खेलते हैं।