लखनऊ । उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मंगलवार को हुए मतदान में सपा विधायकों ने जमकर क्रासवोटिंग की। सपा के विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय समेत सात विधायकों ने खुलकर भाजपा के पक्ष में वोट किया। सपा की महिला विधायक महाराजी प्रजापति ने मतदान में शामिल न होकर भाजपा की मदद की। वोटों के गणित के हिसाब से भाजपा के आठ और सपा के दो उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। अखिलेश यादव ने सपा की क्रास वोटिंग का ठीकरा भाजपा की जोड़तोड़ की राजनीति पर फोड़ते हुए डराने-धमकाने और लुभाने का आरोप लगाया। बगावत करने वाले सपा सदस्यों ने इसे अंतरात्मा की आवाज और भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होने की बात कही।
मौजूदा संख्या बल 399 में 395 ने विधायकों ने वोट किया। जेल में बंद सपा के दो विधायक इरफान सोलंकी व आजमगढ़ के रमाकांत यादव और सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी को वोट डालने की अनुमति नहीं मिली। मतदान के एक घंटे बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई। मतदान के दौरान सपा के 108 वोट थे लेकिन उसके दो विधायकों के जेल में होने और आठ विधायकों द्वारा वोट न देने के चलते सपा के 98 और कांग्रेस के दो व सुभासपा के एक बागी समेत कुल 101 मत मिले। उसके तीनों सदस्यों को जीतने के लिए 108 वोटों की जरूरत पड़ती। एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 36 वोट चाहिए थे। नतीजतन, सपा को कुल जरूरी मतों से सात वोट कम मिले। उसके पास तीसरे प्रत्याशी के लिए 27 वोट अतिरिक्त बचे थे लेकिन वह 9 वोटों का इंतजाम नहीं कर सकी। राज्यसभा की 10 सीटों के लिए सुबह नौ बजे से विधान भवन के तिलक हाल में मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले भाजपा विधायकों के साथ वोट डाला। मुख्यमंत्री ने वोट डालने के बाद सभी भाजपा प्रत्याशियों की विजय के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने वोट डाला। शुरुआती दौर में भाजपा और सपा के सभी विधायकों ने एक साथ आकर वोटिंग की। राज्यसभा चुनाव के लिए रिक्त 10 सीटों पर चुनाव के लिए भाजपा ने आठ और सपा ने तीन उम्मीदवार उतारे थे। भाजपा द्वारा जैसे ही 8वें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को उतारा गया वैसे ही तोड़फोड़ के साथ क्रास वोटिंग की संभावना जताई जाने लगी थी। हालांकि एक दिन पहले तक सपा दावा करती रही कि उसके सभी विधायक एकजुट हैं लेकिन मतदान शुरू होने के साथ ही यह दावा हवा-हवाई साबित हुआ। सपा खेमे से आठ विधायक टूटे। मुख्य सचेतक मनोज पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडेय, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने भाजपा के पक्ष में खुलकर वोट किया। अमेठी की विधायक पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी प्रजापति ने गैर हाजिर रहकर भाजपा की सीधे तौर पर मदद की। वहीं सुभासपा के एक विधायक जगदीश नारायण राय ने खुलकर सपा को वोट किया। सपा से गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली सुभासपा के छह विधायक हैं। सपा से नाता तोड़कर सुभासपा भाजपा के साथ हो गई है। मौजूदा समय उसका एक विधायक जेल में है। सुभासपा मुखिया ओम प्रकाश दावा कर रहे थे कि उनके सभी विधायक एकजुट हैं, लेकिन जब वह वोट करने आए तो उनके साथ चार ही विधायक आए। वह अपने विधायक जगदीश नारायण राय द्वारा सपा को वोट देने और साथ न होने के सवाल पर भी साथ होने का दावा करते रहे।