नई दिल्ली। नीलू सिंह
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जल्द ही उत्तर प्रदेश में अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज करेगी। यह मामला अवैध रेत खनन में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जारी जांच के आधार पर दर्ज किया जाएगा।
जानकार सूत्रों ने कहा कि एजेंसी सीबीआई की प्राथमिकी में उल्लिखित कुछ नौकरशाहों और राजनेताओं के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जल्द मामला दर्ज करेगी। सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत कुछ जाने-माने व कुछ अज्ञात सरकारी कर्मचारियों व अन्य सहित 11 लोगों के खिलाफ 02 जनवरी को एक मामला दर्ज किया था, जिसके बाद यह जानकारी सामने आई है।
एजेंसी ने हमीरपुर जिले की पूर्व कलेक्टर, आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, खनिक आदिल खान, भूवैज्ञानिक/खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, सपा नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, राम आश्रय प्रजापति, हमीरपुर के खनन विभाग के पूर्व क्लर्क संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित और रामअवतार सिंह के नाम प्राथमिकी में शामिल हैं। संजय दीक्षित ने 2017 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था।
सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में 2013 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध हमीरपुर जिले में 14 लोगों को पट्टे प्रदान किए थे। सीबीआई ने 07 जनवरी को अखिलेश यादव द्वारा जारी 22 पट्टों की सूची जारी की। अखिलेश के पास उस समय खनन मंत्रालय का प्रभार भी था। बाद में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे।