बीजिंग।
चीन अपने यहां काम करने वाले उन भारतीयों के लौटने की अनुमति देने पर रुख स्पष्ट नहीं कर रहा है, जो बीजिंग के कोरोना यात्रा प्रतिबंधों के चलते भारत में फंसे हुए हैं। चीन ने कहा है कि वीजा सिर्फ आवश्यक आर्थिक, व्यापारिक और मानवीय उद्देश्यों के लिए दिया जा रहा है। चीन के कॉलेजों में अध्ययन कर रहे 23,000 से अधिक भारतीय छात्र और सैकड़ों कारोबारी व उनके परिवार के सदस्य पिछले साल से भारत में फंसे हुए हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को एक सवाल के जवाब में कहा, कोरोना महामारी फैलने के बाद से चीन आवश्यक आर्थिक, व्यापारिक, प्रौद्योगिकीय और आपात मानवीय उद्देश्यों के लिए यात्रा करने वाले विदेशी नागरिकों को ही वीजा जारी कर रहा है। उन्होंने कहा, आगे बढ़ते हुए हम स्वस्थ्य, सुरक्षित व लोगों के व्यवस्थित रूप से आने-जाने की नई व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कोरोना के विदेश से आने वाले मामलों के प्रभावी रोकथाम के आधार पर उभरती स्थिति के आलोक में उपयुक्त कदम उठाएंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह बात कहीं। उनसे पूछा गया था कि बीजिंग में स्थानीय प्राधिकार और कुछ अन्य चीनी शहर अब योग्य विदेशी कामगारों के परिवारों के आश्रित सदस्यों को ‘पीयू’ पत्र जारी कर रहे हैं तथा क्या यह लाभ भारत को भी मिलेगा। पीयू एक आमंत्रण पत्र है जो चीनी विदेश मंत्रालय चीन में प्रवेश के लिए वीजा आवेदन के वास्ते जारी करता है।
गौरतलब है कि चीन के यात्रा प्रतिबंध से कई लोगों की नौकरी चली गई, कई लोगों का कारोबार बंद हो गया और कई लोगों को परिवार से अलग रहना पड़ रहा है।