नई दिल्ली| नीलू सिंह
ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने कहा है कि सरकार को सोशल मीडिया के लिए संशोधित नियमों को अंतिम रूप देने से पहले हितधारकों के साथ मजबूत परामर्श करना चाहिए। क्योंकि सुरक्षा और मुक्त अभिव्यक्ति के बीच सावधानीपूर्वक तैयार किए गए संतुलन की जरूरत है।
आम चुनाव से पहले सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के प्रस्तावित संशोधनों ने विभिन्न हितधारकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस संदर्भ में ट्विटर के वैश्विक उपाध्यक्ष (सार्वजनिक नीति) कॉलिन क्रोवेल ने कहा, इस क्षेत्र में नए नियमों की कोई भी घोषणा एक मजबूत परामर्श के बाद ही होनी चाहिए।
क्रोवेल ने कहा, हम अंतरवर्ती जिम्मेदारी का सम्मान करते हैं। किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अंतर्वस्तु की गोपनीयता और स्वतंत्र अभिव्यक्ति सुनिश्चित करने के संबंध में सावधानी पूर्वक एक संतुलन बनाया गया है। लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सक्रिय रूप से निगरानी सामग्री के बारे में पूछने जैसे मानदंड से इस संतुलन को खतरा हो सकता है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अन्य वैश्विक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि भारत डाटा प्राइवेसी या व्यापक निगरानी में अग्रणी होना चाहता है या नहीं।