विनाशकारी भूकंप से तिब्बत में 126 लोगों की मौत

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बीजिंग। चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाजे शहर के डिंगरी काउंटी में मंगलवार सुबह आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई। आपदा में 126 लोगों की मौत हो गई और 188 से ज्यादा घायल हैं। भूकंप के झटके नेपाल, भारत, भूटान में भी महसूस किए गए। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आपदा पर शोक जताया।
ये झटके सुबह करीब नौ बजकर पांच मिनट (चीन के समयानुसार) पर महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र डिंगरी काउंटी के त्सोगो कस्बे में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे। था। जहां 20 किलोमीटर की परिधि में लगभग 6,900 लोग रहते हैं और 27 गांव है। चीनी मीडिया ने भूकंप का केंद्र उत्तर-पूर्व नेपाल के खुम्बू हिमालय पर्वतमाला में लोबुत्से के 90 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में बताया। चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र के अनुसार, तेज झटकों से हुई तबाही के बाद 4.4 तक की तीव्रता वाले 150 से अधिक झटके महसूस किए गए। सबसे नवीनतम झटका दोपहर करीब 1 बजकर 24 मिनट पर महसूस किया गया। आपदा को देखते हुए चीनी वायुसेना राहत में सहायता के लिए परिवहन और चिकित्सा विमानों, हेलीकॉप्टरों और जमीनी बलों की एक टीम को स्टैंडबाय पर रखा गया। भूकंप का प्रभाव तिब्बत के शिगात्से क्षेत्र में महसूस किया गया, जहां 800,000 लोग रहते हैं। तिब्बत आपदा प्रबंधन द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि शिगात्से शहर में कई घर मलबे में तब्दील हो गए हैं। बचावकर्मियों ने एक बर्बाद घर के मलबे की तलाशी ली और एक घायल व्यक्ति को बाहर निकाला। मिली जानकारी के अनुसार, बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंस गए। चीन की राज्य परिषद ने लेवल-3 इमरजेंसी घोषित कर दी है। भूकंप से इलाके में भारी तबाही हुई है और बिजली, पानी दोनों तरह की सेवाएं बाधित हैं। भूकंप के मद्देनजर चीन ने माउंट एवरेस्ट के पर्यटन क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। प्रभावित क्षेत्र में घरों को बड़ा नुकसान हुआ है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए हर संभव प्रयास करने के आदेश दिए। अपने संदेश में शी ने कहा कि भूकंप की निगरानी और आपदा पूर्व चेतावनी को मजबूत करें। आपातकालीन बचाव आपूर्ति की तुरंत व्यवस्था की जाए। क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत में तेजी लाना, यह सुनिश्चित करना कि निवासियों की बुनियादी जरूरतें पूरी हों और सभी के लिए ठंड से सुरक्षा एवं ठंड से बचाव के उपाय (अलाव, हीटर आदि) उपलब्ध कराए जाएं। आपदा के बाद चीन से एक विशेष कार्यबल भी घटनास्थल पर भेजा गया। इसके अलावा 1,500 से अधिक स्थानीय अग्निशमन और बचावकर्मी भी राहत व बचाव कार्यों में जुटे हुए थे। चीनी अधिकारियों के अनुसार, भूकंप प्रभावित क्षेत्र में करीब 22,000 आपदा राहत सामग्री भेजी है, जिनमें तंबू, कोट, रजाई और फोल्डिंग बिस्तर के साथ-साथ ऊंचाई वाले और ठंडे क्षेत्रों के लिए विशेष राहत सामग्री भी शामिल है। शिगाजे को शिगास्ते के नाम से भी जाना जाता है जो भारत की सीमा के करीब है। शिगात्से को तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। यह पंचेन लामा की पारंपरिक सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रमुख व्यक्ति हैं। तिब्बत में पंचेन लामा, आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं।तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने मंगलवार को कहा कि वे इस आपदा से बेहद दुखी हैं। वह सुदूर हिमालयी क्षेत्र में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, वह घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

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