देहरादून। दून की आबोहवा अब ज्यादा प्रदूषित होने लगी है। चिंताजनक बात यह है कि यहां के प्रदूषण का स्तर गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर जैसे शहरों से भी अधिक होने लगा है।
सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, दून भारत के उन 258 शहरों की सूची में नौवें स्थान पर है, जहां वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा है। बारिश का अभाव, हवाओं का कमजोर रुख और दूसरे प्रदेशों से आ रहा पराली के धुएं को इसकी वजह बताया गया है।
सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, दून में सोमवार को एक्यूआई 287 और ऋषिकेश में एक्यूआई 208 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है और लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जबकि, गाजियाबाद में एक्यूआई 252, जयपुर में 237, मेरठ में 211 और मुजफ्फरनगर में 240 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा जैसी जगह भी एक्यूआई 285 रहा, जो देहरादून के मुकाबले कम है। मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के मुताबिक, कम विजिबिलिटी और आद्रता 75 फीसदी से ज्यादा होती है तो कोहरा लगता है। लेकिन, दून में आद्रता 60 से 65 के बीच है और विजिबिलिटी थोड़ी कम है तो इसे धुंध कहेंगे। यह स्थिति वातावरण में धूल के कणों के बने रहने से बनती है। अभी दक्षिणी-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। उत्तर पश्चिमी हवाएं अगले सप्ताह से चलने की संभावना है। तब ठंड बढ़ेगी और धुंध छंटेगी। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में पोस्ट मानसून बारिश महज दस फीसदी ही हुई है। एक अक्तूबर से दस नवंबर तक प्रदेशभर में महज 3.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। जबकि, सामान्य बारिश 33.8 एमएम तक मानी जाती है। अधिकतम तापमान 27 डिग्री और न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस तक चल रहा है, जो सामान्य से ज्यादा है। देहरादून और ऋषिकेश में पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार नवंबर के महीने में डेढ़ से दो गुना प्रदूषण बढ़ा है। नवंबर में इन दिनों दून में एक्यूआई 140 के आसपास तक रहता था, जो अब 280 से ऊपर पहुंच जा रहा है। वहीं, ऋषिकेश में भी एक्यूआई खराब श्रेणी में पहुंचना चिंताजनक है। पिछले चार साल के नवंबर के आंकड़ों में आज चिंताजनक स्थिति नजर आ रही है।