कोर्ट ने डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड में 10 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

उत्तरप्रदेश लाइव मुख्य समाचार लखनऊ

लखनऊ, राजेंद्र तिवारी।
प्रतापगढ़ में 11 साल पहले हुए तत्कालीन डिप्टी एसपी जियाउल हक हत्याकांड में सीबीआई की कोर्ट ने आरोपी फूलचंद यादव सहित सभी 10 दोषसिद्ध अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक पर 19,500 रुपए का जुर्माने भी लगाया है। आदेश में कहा गया है कि जुर्माने की आधी रकम दिवंगत डिप्टी एसपी की पत्नी परवीन आजाद को दी जाएगी। सीबीआई की विशेष अदालत ने फूलचन्द्र यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, रामलखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी एवं जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
सीबीआई के विशेष अधिवक्ता केपी सिंह के मुताबिक 2 मार्च 2013 की शाम करीब 7:30 बजे जमीन के विवाद के चलते प्रतापगढ़ के कुंडा स्थित बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्राम प्रधान नन्हे यादव के समर्थक हथियारों से लैस होकर बलीपुर गांव पहुच गए। भीड़ ने बलीपुर निवासी कामता पाल के घर को आग के हवाले कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर तत्कालीन सीओ कुंडा जियाउल हक, हाथीगवां थाना प्रभारी मनोज कुमार शुक्ला एवं कुंडा थानाप्रभारी सर्वेश मिश्र समेत पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे, जहां भीड़ ने पुलिस को घेर लिया। मौके की स्थिति और तनाव को देखते हुए सीओ के साथी पुलिसकर्मी मौका पाकर भाग निकले। सीओ जियाउल हक अकेले ही भीड़ को समझा रहे थे। इस दौरान भीड़ ने सीओ जियाउल हक को दौड़कर मारना-पीटना शुरू कर दिया। बताया गया कि जमीन पर गिरे हुए जियाउल हक को सुरेश यादव ने बंदूक की बट से मारना शुरू कर दिया। अदालत में गवाहों ने बताया कि सीओ जियाउल हक को बंदूक की बट से मारने के दौरान सुरेश यादव की उनकी ही बंदूक से गोली चल जाने कारण मौत हो गई थी। जिस पर गुस्साए लोगों में से मृत आरोपी योगेंद्र यादव उर्फ बबलू ने जियाउल हक की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई ने 14 आरोपी बनाए थे। एक की मौके पर मौत, दूसरे की विचारण के दौरान मौत हो गई थी। तीसरा आरोपी नाबालिग होने के नाते किशोर न्यायालय में उसका मुकदमा चल रहा है। एक आरोपी सुधीर यादव को साक्ष्य न मिलने के कारण दोषमुक्त कर दिया है। सजा सुनाए जाने के वक्त अन्य सभी दस दोषी अदालत में मौजूद थे। अदालत को बताया गया कि मौके से भागे पुलिस कर्मियों ने रात 11 बजे सीओ की तलाश शुरू की। भारी फोर्स के बाद जब पुलिस गांव पहुंची तो सीओ की लाश प्रधान के घर के पीछे खड़ंजे पर पड़ी मिली। इस तिहरे हत्याकांड को लेकर कुल चार मुकदमे संबंधित पक्षों ने दर्ज कराए। पहली रिपोर्ट तत्कालीन थाना प्रभारी मनोज शुक्ला ने प्रधान नन्हे यादव के भाइयों और बेटे समेत दस लोगों के खिलाफ दर्ज कराई। प्रधान और सुरेश की हत्या को लेकर भी रिपोर्ट दर्ज की गई। सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने भी पति की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस की जांच के दौरान शासन ने विवेचना सीबीआई को सौंप दी थी।

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