मुंबई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आगामी लोकसभा चुनाव के संदर्भ में बुधवार को कहा कि हम अपनी सरकार के पिछले 10 वर्षों के प्रदर्शन और अगले 25 वर्षों के रोडमैप के साथ चुनाव में उतर रहे हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में हुई प्रगति की तुलना उसके शासनकाल से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संप्रग सरकार के समय 12 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न घोटालों से देश का विश्वास हिल गया था।
शाह ने यहां ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ के वार्षिक निवेश शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत से नीचे रखा जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली सरकार के समय यह दहाई अंक में पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत नाजुक थी, मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर थी और राजकोषीय घाटा भी नियंत्रण से बाहर था। शाह ने कहा, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय औसत मुद्रास्फीति 8.2 प्रतिशत थी और उसके शासनकाल के अंतिम तीन साल में तो यह दहाई अंक तक पहुंच गई। केंद्रीय मंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संप्रग सरकार के समय 12 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न घोटालों से देश का विश्वास हिल गया था और साठगांठ वाला (क्रॉनी) पूंजीवाद अपने चरम पर था। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के 10 साल देश की वृद्धि गाथा से लगभग नदारद थे। आप उन वर्षों को खोज ही नहीं सकते। वृद्धि के नाम पर उन 10 वर्षों में कुछ भी नहीं हुआ। ऐसे हालात में मोदी ने देश की बागडोर संभाली थी। शाह ने कहा, भारत अब एक आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर देश है, जिसने खुद को निष्क्रिय सरकार से गतिशील सरकार में, प्रतिगामी से प्रगतिशील विकास में और नाजुक अर्थव्यवस्था से शीर्ष अर्थव्यवस्था में बदल दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत एक नीति-संचालित देश के रूप में उभरा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार चार लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां 2012 में प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 4.7 करोड़ थी, वहीं भाजपा सरकार के केवल 10 वर्षों में यह लगभग दोगुनी होकर 8.11 करोड़ हो गई। केंद्रीय मंत्री शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूरदर्शी प्रधानमंत्री बताते हुए कहा कि वर्ष 2047 में आजादी के सौ साल पूरा होने तक भारत पूरी तरह से विकसित, आत्मनिर्भर और दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी और 2040 तक एक व्यक्ति को चंद्रमा पर भेजने का इरादा भी है।