हल्द्वानी। अनीता रावत
उत्तराखंड में भले ही कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक न दी हो, लेकिन बच्चों के संक्रमण मामले में तेजी आई है। पूर्व की अपेक्षा अब 19 वर्ष से कम आयुवर्ग के नवयुवक और बच्चे कोरोना के अधिक शिकार हो रहे हैं। सितंबर माह में अब तक प्रदेश में मिले कुल संक्रमितों में 19 फीसदी बच्चे हैं, जो 30-39 आयुवर्ग के बाद दूसरे नंबर पर हैं। बुजुर्गों में अब कोरोना अधिक असरदार साबित नहीं हो रहा है।
प्रदेश में सितंबर के 16 दिनों में 354 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें सबसे अधिक 79 संक्रमित 30-39 आयुवर्ग के हैं। दूसरे नंबर पर शून्य से 19 वर्ष के 68 बच्चे और युवा हैं। 20-29 आयुवर्ग के लोगों में कोरोना के मामलों में अब कमी आई है। इस बीच इस उम्र के महज 63 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया। जबकि पहले इसी आयुवर्ग में कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे थे। पहले की अपेक्षा अब शून्य से 19 वर्ष आयुवर्ग में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। सीमांत जनपद में भी बीते दिनों इस आयुवर्ग के कई स्कूली बच्चे संक्रमित मिले हैं। जनपद में बीते 20 दिनों में सात स्कूली बच्चों में कोरोना की पुष्टि हुई है। सितंबर माह में अब तक इस आयुवर्ग के 19 संक्रमित मिल चुके हैं। उत्तराखंड कोविड टास्क फोर्स की सदस्य और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर (पीडियाट्रिक) डॉ. रितु रखोलिया का कहना है कोरोना संक्रमण के लिहाज से बच्चों के लिए यह बेहद नाजुक समय है। प्रदेश भर में इन दिनों स्कूल खुल गए हैं। ऐसे में बच्चों को कोरोना अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने माता-पिता से बच्चों की सुरक्षा को लेकर अधिक सर्तकता बरतने की सलाह दी है।